हाईकोर्ट ने कहा- सख्ती के बावजूद नहीं रुक रहा अवैध खनन, दोषियों के पर कतरना बेहद जरूरी

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पंजाब दस्तक, सुरेंद्र राणा:अवैध खनन के मामले में अग्रिम जमानत की मांग को लेकर दाखिल याचिका को खारिज करते हुए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने चिंता जताई है। कोर्ट ने कहा कि सख्ती के बावजूद हरियाणा व पंजाब में अवैध खनन रुकने का नाम नहीं ले रहा है। ऐसे में इसके दोषियों के पर कतरने बहुत जरूरी है।

याचिका दाखिल करते हुए फिरोजपुर निवासी तरसेम व अन्य ने हाईकोर्ट को बताया कि अवैध खनन के आरोप में अगस्त 2022 को पंजाब पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी। इस मामले में ट्रैक्टर और जेसीबी की रिकवरी हो चुकी है और चालान पेश किया जा चुका है। ऐसे में आरोपियों की हिरासत में पूछताछ जरूरी नहीं है। इस दलील के साथ ही उन्होंने इस मामले में अग्रिम जमानत की मांग की थी।

हाईकोर्ट ने कहा कि सख्ती के बावजूद हरियाणा और पंजाब में अवैध खनन रुक नहीं पा रहा है। ऐसे लोगों के पर कतरना जरूरी हो गया है। एक तरफ अवैध खनन सरकार को राजस्व का नुकसान पहुंचा रहा है तो दूसरी तरफ पर्यावरण को भी बुरी तरह से प्रभावित कर रहा है। इन टिप्पणियों के साथ ही हाईकोर्ट ने आरोपियों की अग्रिम जमानत की मांग वाली याचिका खारिज कर दी।

मानवता के लिए खतरा है अवैध खनन
घग्गर नदी पर हो रहे अवैध खनन को रोकने गए खनन अधिकारी पर हमले के मामले में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने खनन माफिया के बढ़ते हौसलों पर नकेल कसने की जरूरत बताई थी। हाईकोर्ट ने कहा था कि अवैध खनन के कारण पर्यावरण का संतुलन बिगड़ रहा है और इसका परिणाम कहीं भूमिगत जल के गिरते स्तर तो कहीं भूमि के अनियंत्रित कटाव के रूप में देखने को मिल रहा है। ऐसे में इसे नहीं रोका गया तो आगे चलकर यह पूरी मानवता के लिए खतरे का रूप ले सकता है।

नहीं रुका अवैध खनन तो धंस सकते हैं सेना के बंकर
पंजाब के सीमावर्ती क्षेत्रों में हो रहे अवैध खनन के मामले में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने बीते दिनों चिंता जताई थी। सेना की ओर से कहा गया था कि यदि अवैध खनन रोका नहीं गया तो देश की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण बंकर धंस सकते हैं। साथ ही नदी का रुख बदलने से होने वाले कटाव के कारण मार्ग छोटे होने के खतरे से इन्कार नहीं किया जा सकता। ऐसे में यदि युद्ध के हालात बने तो स्थिति बेहद गंभीर हो सकती है। हाईकोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सीमा के निकट खनन पर रोक लगा दी थी।

 

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