पंजाब दस्तक, सुरेंद्र राणा: प्रदेश सरकार ई-टेंडरिंग की सीमा बढ़ाने समेत कुछ मांगों पर राजी हुई लेकिन सरपंचों ने ऑफर ठुकरा दिया।
सरकार और सरपंचों के बीच 24 घंटे में 5 बार वार्ता होने के बावजूद कोई बात सिरे नहीं चढ़ पाई है। प्रदेश सरकार ई-टेंडरिंग की सीमा बढ़ाने समेत कुछ मांगों पर राजी हुई लेकिन सरपंचों ने ऑफर ठुकरा दिया। सरकार की ओर से सादे कागज पर पेन से लिखा सहमति पत्र शुक्रवार को तैयार किया था। जिसमें लिखा था कि सहमति बनने और मांगें माने जाने पर मुख्यमंत्री का धन्यवाद। हालांकि यह कागज धरा ही रह गया।
गुरुवार देर रात तक चली वार्ता में सीएम ने ई-टेंडरिंग की सीमा 5 लाख करने व मानदेय 5 हजार रुपए करने जैसे ऑफर दिए थे। शुक्रवार को दिन भर सरपंच मंथन करते रहे। सरपंचों से लगातार बातचीत कर रहे पब्लिसिटी सेल के चेयरमैन तरुण भंडारी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने इनकी मांगें मान ली थीं, लेकिन सरपंच किसी कारणवश सहमत नहीं हुए। बातचीत जारी है। आगे भी रहेगी।
ये बोले सरपंच
सरपंच एसोसिएशन के राज्य प्रधान रणबीर समैण ने कहा कि सरकार से कोई सहमति नहीं बनी है। अब हम गांव-देहात बचाओ आंदोलन छेड़ेंगे। 17 मार्च को विधानसभा का घेराव होगा। मुख्य मुद्दे ई-टेंडरिंग प्रणाली और राइट-टू रिकॉल का था। हमसे कहा गया कि आप पहले लिखकर दो कि हम सहमत हैं, तभी मुख्यमंत्री से मुलाकात कराएंगे। सरकार ने 5 लाख रुपए तक के लिए बोला था, लेकिन शर्त जोड़ी कि वे सालभर में पांच ही काम करवा सकेंगे। हम स्वतंत्र होकर काम करना चाहते हैं। 5 हजार मानदेय व स्टेट टोल टैक्स में राहत का आश्वासन दिया।
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