पंजाब दस्तक, सुरेंद्र राणा: जीएसटी काउंसिल ने पंजाब सरकार का 995 करोड़ रुपये का बकाया जीएसटी मुआवजा बहाल कर दिया गया है। इस फैसले से राज्य को जून 2022 के लिए बकाया जीएसटी मुआवजे के तौर पर इस रकम को प्राप्त करने में मदद मिलेगी। राज्य के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने मुआवजा क्लीयर करने के लिए जीएसटी काउंसिल का आभार जताया है।
वहीं, काउंसिल ने पेंसिल और शार्पनर पर जीएसटी 18 से घटाकर 12 फीसदी करने एलान किया। पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने राज्य की इस मांग को भी स्वीकृत करने के लिए जीएसटी काउंसिल का धन्यवाद किया है।
गौर हो कि चीमा ने 17 दिसंबर 2022 को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये जीएसटी काउंसिल की 48वीं बैठक में हिस्सा लेते हुए पेंसिल, शार्पनरों पर जीएसटी 12 प्रतिशत की मौजूदा स्लैब के बजाय 18 प्रतिशत पर विचार करने के प्रस्ताव का विरोध किया था।
शनिवार को नई दिल्ली में केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामले संबंधी मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई 49वीं जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में हिस्सा लेते हुए हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि इस फैसले से विद्यार्थियों और उनके माता-पिता को कुछ राहत मिलेगी। पंजाब के वित्त मंत्री ने जून 2022 के समूचे बकाया जीएसटी मुआवजे को क्लीयर करने के फैसले के लिए भी जीएसटी काउंसिल का धन्यवाद किया।
वहीं, जीएसटी ट्रिब्यूनल के मुद्दे पर वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर अपीली ट्रिब्यूनल की स्थापना के बजाय देश के संघीय ढांचे को मजबूत करने के लिए यह शक्ति राज्यों को दी जानी चाहिए। भारत एक बड़ा देश है और हर राज्य की अपनी चुनौतियां हैं।
राष्ट्रीय स्तर पर ट्रिब्यूनल बनाने के बजाय हरेक राज्य का अपना ट्रिब्यूनल होना चाहिए, जिससे जीएसटी से संबंधित मुद्दों को बेहतर तरीके से और तेजी से हल किया जा सके। चीमा ने कहा कि ट्रिब्यूनल के लिए राज्य मेंबर का चयन भी राज्य द्वारा तय किया जाना चाहिए। राज्य सरकार अपनी टिप्पणियों के लिए जीएसटी कानूनों में शोधों के अंतिम मसौदे का अध्ययन करेगी।
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