शिमला, सुरेंद्र राणा: आर्थिक तंगी से जूझ रही हिमाचल प्रदेश की सुखविंद्र सिंह सुक्खू सरकार ने राजस्व बढ़ाने का काम शुरू कर दिया है। प्रदेश सरकार ने प्रदेश में पन बिजली उत्पादन पर शुक्रवार से वाटर सेस लागू कर दिया है।
पड़ोसी राज्य उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर की तर्ज पर राजस्व जुटाने के लिए प्रदेश सरकार ने बिजली उत्पादन पर पानी का सेस लगाने का फैसला लिया है। प्रदेश में छोटी-बड़ी करीब 175 पनबिजली परियोजनाओं पर वाटर सेस से सरकार के खजाने में हर साल करीब 700 करोड़ रुपये जमा होंगे।
यूं वसूलेंगे सेस (रुपये में)
1. 30 मीटर तक हेड की पनबिजली परियोजना 0.10 प्रति घन मीटर
2. 30 से 60 मीटर तक हेड की पनबिजली परियोजना 0.25 प्रति घन मीटर
3. 60 से 90 मीटर तक हेड की पनबिजली परियोजना 0.35 प्रति घन मीटर
4. 90 मीटर से अधिक हेड की पनबिजली परियोजना 0.50 प्रति घन मीटर
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