पंजाब दस्तक: जी20 इंटरनेशनल फाइनेंशियल आर्किटेक्चर वर्किंग ग्रुप की पहली मीटिंग चंडीगढ़ में मंगलवार को पूरी हो गई। दो दिवसीय मीटिंग में देश विदेश से करीब सौ डेलिगेट्स ने हिस्सा लिया। ये ग्रुप की पहली ही मीटिंग थी इसलिए इसमें कुछ साॅल्यूशन तो नहीं निकला है लेकिन एजेंडे पर सभी देशों की सहमति मिल गई है जिस पर अब आगे काम होगा।
मीटिंग के बाद इकोनाॅमिक एडवाइजर डिपार्टमेंट ऑफ इकोनाॅमिक अफेयर्स अनु पी. मथाई और ज्वाइंट सेक्रेटरी फाइनेंस मिनिस्ट्री बी पुरुषार्था ने कि एजेंडे पर सहमति बन गई है और अब अगली मीटिंग्स में इस पर काम होगा। इसमें कोई साॅल्यूशन, डिसिजन नहीं हुआ। इकोनाॅमिक एडवाइजर पी. मथाई ने कहा कि इंटरनेशनल फाइनेंशियल सिस्टम में कमजोरियों का साॅल्यूशन ढूंढने और इंटरनेशनल फाइनेंशियल आर्किटेक्चर को मजबूत और डेवलप करने पर चर्चा की गई है।
इस ग्रुप का फोक्स इंटरनेशनल फाइनेंशियल इंस्टीट्यूट्स को मजबूत करने, डेवलप करने से लेकर रहेगा ताकि गरीब और कमजोर देशों की पूरी सहायता की जा सके। इस मीटिंग में डेलिगेट्स के कमेंट्स को अब ग्रुप आगे जी 20 फाइनेंस मिनिस्टर्स एंड सेंट्रल बैंक गवर्नर्स मीटिंग के लिए सब्मिट करेगा जो कि 24 और 25 फरवरी को बेंगलुरु में होगी।
कर्ज में फंसे देशों की मदद पर अगली मीटिंग में निकाला जाएगा हल
ऋण में फंसे देशों के लिए फाइनेंशियल सपोर्ट को लेकर चर्चा हुई। फाइनेंस मिनिस्ट्री ऑफिसर्स के मुताबिक सपोर्ट सिस्टम कैसे डेवलप होगा, ऋण कम करने या खत्म करने पर आगे होने वाली मीटिंग्स में डिस्क्शन होगा। वहीं, पेनेडेमिक की स्थिति या क्लाइमेट चेंज जैसे मुद्दों से निपटने को ग्लोबल फाइनेंशियल स्टेबिलिटी पर काम पर चर्चा हुई। अगली मीटिंग्स में तय होगा कि कैसे फाइनेंशियल सपोर्ट सिस्टम तैयार किया जाए।
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