शिमला, सुरेंद्र राणा:हिमाचल प्रदेश सरकार में किए जाने वाले मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर शुक्रवार को दिल्ली में दिन भर बैठकों का दौर चला। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने पार्टी के प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला, राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल और मुकुल वासनिक से शुक्रवार को कई दौर की मुलाकात की। मंत्रिमंडल को लेकर सहमति नहीं बनने के चलते मुख्यमंत्री शुक्रवार को धर्मशाला या शिमला भी नहीं लौट सके। अब शनिवार को मुख्यमंत्री सुक्खू के दिल्ली से शिमला लौटने की संभावना है। उधर, मंत्रियों के शपथ समारोह को लेकर अभी तक संशय की स्थिति बनी हुई है। विधानसभा का शीतसत्र शुक्रवार शाम को स्थगित होते ही कांग्रेस विधायक शिमला लौट आए हैं। शिमला, कांगड़ा और सोलन जिला से मंत्री बनाने को लेकर सरकार और संगठन में आम सहमति नहीं बन पा रही है। जिला शिमला से विक्रमादित्य सिंह, अनिरुद्ध सिंह, रोहित ठाकुर में मुख्य मुकाबला है।
पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय प्रवक्ता कुलदीप सिंह राठौर की पैरवी भी मजबूत है। रोहड़ू से मोहनलाल ब्राक्टा का नाम भी इस दौड़ में शामिल हो गया है। सोलन से कर्नल धनीराम शांडिल और रामकुमार चौधरी में से किसी एक को मंत्री बनाने के लिए मंथन चला हुआ है। जिला कांगड़ा से सुधीर शर्मा, चंद्र कुमार, रघुवीर सिंह बाली, संजय रतन और आशीष बुटेल को लेकर चर्चा चल रही है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री सुक्खू ने इन तीनों जिलों से मंत्री बनाने को लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से चर्चा कर जातीय और क्षेत्रीय संतुलन बनाने के लिए मंथन किया।
हालांकि देर शाम तक इस बाबत कोई आम सहमति नहीं बन सकी। इस कारण ही मुख्यमंत्री सुक्खू शुक्रवार को दिल्ली से नहीं लौट सके। अब शनिवार को दोबारा बैठकों का दौर चलने के आसार हैं। पार्टी सूत्रों के अनुसार यह तय है कि अभी छह से सात विधायकों को ही मंत्री बनाया जाएगा। मंत्रियों के तीन से चार पद रिक्त रखे जाएंगे।
सुक्खू मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने वाले मंत्रियों को शनिवार या रविवार को शपथ दिलाई जा सकती है। शपथ समारोह के लिए राजभवन सचिवालय ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं। प्रदेश सरकार से सिर्फ शपथ आधिकारिक घोषणा का इंतजार किया जा रहा है। जिला प्रशासन शिमला भी मुस्तैद हो गया है। संभावना है कि शनिवार शाम या रविवार सुबह भी शपथ समारोह हो सकता है।
राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने रविवार को 11:00 शिमला से गोवा के लिए रवाना होना है। आठ से 12 जनवरी तक राज्यपाल प्रदेश से बाहर रहेंगे। अगर शनिवार या रविवार को शपथ समारोह नहीं होता है तो फिर लोहड़ी तक मामला टल जाएगा।
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