दो दिन में 12 प्रत्याशियों ने जमा करवाया चुनावी खर्च का लेखा-जोखा:उपायुक्त

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शिमला, सुरेंद्र राणा: विधानसभा चुनाव 2022 के लिए जिला शिमला की 8 विधानसभा क्षेत्रों से किस्मत आजमाने वाले कुल 50 प्रत्याशियों मंे से अब तक 12 प्रत्याशियों ने अपने चुनावी खर्च का लेखा-जोखा जिला निर्वाचन अधिकारी के पास जमा करवा दिया है। पहले दिन कुल 7 प्रत्याशियों ने जबकि दूसरे दिन 5 प्रत्याशियों ने चुनाव में खर्च हुए धन का पूरा हिसाब दिया।

यह जानकारी देते हुए जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी ने बताया कि पहले दिन मंगलवार को 3 निर्दलीय, 3 बहुजन समाज पार्टी तथा भाजपा के 1 प्रत्याशी ने अपना चुनावी व्यय का ब्यौरा जमा कराया जबकि बुधवार को भाजपा के 2 तथा बहुजन समाज पार्टी, आम आदमी पार्टी व निर्दलीय 1-1 उम्मीदवार ने अपना अकाउंट जमा करवा दिया है।

उन्होंने कहा कि उम्मीदवारों के अकाउंट को जमा करने की प्रक्रिया भारत निर्वाचन आयोग द्वारा नियुक्त 3 व्यय पर्यवेक्षकों की उपस्थिति में सम्पन्न की जा रही है। उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग ने अजहर जैन वयाल परमबथ, अखिलेश गुप्ता तथा सुनील किसन अगावने को विधानसभा चुनाव 2022 के लिए व्यय पर्यवेक्षक नियुक्त किया है।

आदित्य नेगी ने कहा कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के प्रत्याशियों के लिए चुनावी खर्च का हिसाब देने की अंतिम तिथि 07 जनवरी, 2023 है। उन्होंने कहा कि उम्मीदवारों द्वारा तैयार किए गए दैनिक खर्च रजिस्टर, कैश रजिस्टर तथा बैंक रजिस्टर का मिलान शेडो रजिस्टर के साथ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सभी दस्तावेजों को सही ढंग से तैयार करने के लिए बचत भवन में निर्वाचन विभाग के अधिकारी, चुनाव के दौरान नियुक्त किए गए सहायक व्यय पर्यवेक्षक तथा अकाउंटिंग टीम के सदस्य उम्मीदवारों की मदद कर रहे हैं, जो 07 जनवरी, 2023 तक जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि बचत भवन में प्रातः 10 बजे से लेकर सायं 7 बजे तक यह प्रक्रिया चल रही है।

जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के तहत चुनाव परिणामों की घोषणा के 30 दिन के भीतर प्रत्येक उम्मीदवार को अपने चुनावी खर्च का पूरा ब्यौरा जमा करना होता है। उन्होंने कहा कि व्यय का पूरा हिसाब-किताब न देने पर या सही ढंग से ब्यौरा न देने पर जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 10ए के तहत भारत निर्वाचन आयोग उम्मीदवार को अयोग्य घोषित कर सकता है।

उन्होंने कहा कि जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 77 के तहत विधानसभा चुनाव के उम्मीदवार के लिए चुनावी खर्च की अधिकतम सीमा 40 लाख रुपये निर्धारित की गई है।

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