पंजाब दस्तक: पंजाब पुलिस पर अक्सर झूठे ड्रग केस दर्ज करने के आरोप लगते रहे हैं। ऐसा ही एक केस पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट पहुंचा है। युवकों को मोहाली से उठाकर फरीदकोट में गिरफ्तारी दिखाने के आरोप लगे हैं। वहीं जिस DSP पर आरोप हैं वह ड्रग सप्लायर से 10 लाख रिश्वत मामले में बीते जुलाई में अरेस्ट हो चुका है। हाईकोर्ट ने युवकों पर 30 नवंबर को आरोप तय की ट्रायल कोर्ट की सुनवाई पर हाईकोर्ट की अगली ‘हियरिंग’ तक रोक लगा दी है।
पंजाब सरकार को मामले में 21 दिसंबर से पहले याचिका पर अपना जवाब पेश करने के आदेश दिए गए हैं। मामले में ट्रायल कोर्ट की आरोप तय की सुनवाई रोकने की मांग की गई थी। जिस पर पंजाब सरकार ने हाईकोर्ट के 28 अक्तूबर को जारी नोटिस पर जवाब पेश नहीं किया और समय की मांग की गई।
फरीदकोट की सेंट्रल जेल में बंद मानसा के सुखचैन सिंह (22) ने हाईकोर्ट से मांग की है कि 7 मई, 2022 को फरीदकोट में उसके खिलाफ दर्ज केस की जांच CBI से करवाई जाए। वहीं मामले में शामिल पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए जिन्होंने उसे झूठे केस में फंसाया है। साथ ही केस की जांच की निगरानी सुप्रीम कोर्ट के बाबू भाई जमना दास पटेल बनाम स्टेट ऑफ गुजरात(2009) केस में सुनाए फैसले के आधार पर की जाए।
इन्हें बनाया है केस में पार्टी
पंजाब सरकार, DGP, SSP फरीदकोट समेत अन्य पुलिस अफसरों को पार्टी बनाते हुए हाईकोर्ट में यह याचिका दायर की है। मांग की गई है कि हत्या के प्रयास, सरकारी कर्मी को चोट पहुंचाते हुए उसकी ड्यूटी में रुकावट पैदा करने तथा NDSP एक्ट की धाराओं में दर्ज केस की जांच CBI से हो। याची ने पुलिसकर्मियों पर उसे केस में झूठा फंसाने के आरोप लगाए हैं।
CCTV फुटेज में पुलिस गाड़ियां
सुखचैन ने कहा है कि उसे और सह आरोपियों को पुलिस ने टार्चर किया। मोहाली से किडनैप कर गैरकानूनी ढंग से कैद में रखा और झूठे केस में फंसा दिया। कहा गया है कि मामले में एक टोल प्लाजा और CIA स्टाफ, फरीदकोट की CCTV फुटेज इस संदर्भ में चैक करवाई जा सकती है। ऐसे में दर्ज में निष्पक्ष जांच की मांग की गई है। याची सुखचैन के वकील इशान गुप्ता ने कहा है कि मामले में दो आरोपियों पर पुलिस ने FIR प्लांट की है। 6 मई, 2022 को उन्हें शाम को 6.45 बजे मोहाली से उठाया गया। वहीं FIR में उनकी गिरफ्तारी फरीदकोट के गांव भाना में 7 मई, 2022 की शाम 7.30 बजे की दिखाई गई।
पुलिस FIR की कहानी
शाम 7.30 बजे इंस्पेक्टर हरबंस सिंह की अगुवाई में पुलिस पार्टी फरीदकोट में पेट्रोलिंग कर रही थी। कांस्टेबल गुरप्रीत सिंह पुलिस गाड़ी चला रहा था। जब पुलिस गांव भाना की सिखांवाला सड़क पर सीपेज ड्रेन के पास पहुंची तो गांव भाना से एक गाड़ी आती दिखी। पुलिस ने कार चालक को रुकने को कहा मगर उसने कार भगा ली।
पुलिस ने सड़क पर बाधा पैदा की तो संबंधित कार कीकर के पेड़ से टकरा गई। आरोपी हमलावरों ने अपने बचाव में फायरिंग की। हालांकि पुलिस आरोपियों को दबोच लिया और PB 04 M 3838 नंबर की इटिओस कार जब्त कर ली। आरोपियों ने अपना नाम सेवक सिंह, कुलदीप सिंह उर्फ कीका और सुखचैन सिंह उर्फ भुजिया बताया।
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