भाजपा सरकार की नीतियों का खामियाजा, किसान बागवानो को भुगतना पड़ रहा हैं: रोहित ठाकुर

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शिमला, सुरेंद्र राणा, कांग्रेस विधायक रोहित ठाकुर ने  कहा है कि प्रदेश में कृषि-बाग़वानी क्षेत्र वर्तमान डबल इंजन की भाजपा सरकार के उदासीनता के चलते हाशिए पर हैं जिसका खामियाज़ा प्रदेश के   किसानों-बाग़वानों को भुगतना पड़ रहा हैं।उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी  ने 2022 तक किसानों-बाग़वानों की आय दोगुना करने की बात कही थी जो एक जुमला ही साबित हुई है। उन्होंने कहा कि इसके विपरीत आज बाग़वानी में लागत मूल्य दोगुनी और आय आधे से भी कम रह गई हैं और आज बाग़वानों को एक दशक पुराने दाम मिल रहे हैं।
आज प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव  भवन में एक पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करते हुए रोहित ठाकुर ने  कहा कि गत दो वर्षो से लगातार पैकिंग सामग्री में अप्रत्याशित 40 से 50%  प्रतिशत की वृद्धि हुई हैं। पिछले वर्ष के मुकाबलें इस बार कार्टन में 10 से 15 रुपए जबकि प्रति बंडल ट्रे में ₹200 रूपए की अप्रत्याशित वृद्धि हुई हैं।  निजी कंपनियां पैंकिग सामग्री के दाम बढ़ने का कारण केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी दर में 12% से 18% वृद्धि को बताकर पल्ला झाड़ रही हैं। उन्होंने  भाजपा सरकार का कार्टन और ट्रे पर जीएसटी दर में 6% की कटौती  को  बहुत देरी से लिया गया फ़ैसला क़रार दिया।
रोहित ठाकुर ने बताया कि पैकेजिंग सामग्री पर जीएसटी छूट का फ़ैसला सरकार को जून माह में लेना चाहिए था और इसे मजबूती से केंद्र के समक्ष उठाते।  उन्होंने कहा कि लगभग  25 लाख से अधिक सेब की पेटियों का विपणन हो चुका हैं और 15 अगस्त के बाद ऊंचाई वालें सेब बहुल इलाक़ो में सेब सीज़न भी शुरू हो जाएगा।
रोहित ठाकुर ने कहा कि इस बार सेब का उत्पादन गत वर्ष के बराबर रहने का अनुमान लगाया गया हैं। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष एचपीएमसी और हिम्फेड़ ने पूरे प्रदेश में मात्र 2 लाख कार्टन बेचे जो कि अनुमानित सेब उत्पादन के मुकाबलें नाममात्र 1% से भी कम हैं।  उन्होंने सेब पैकेजिंग सामग्री पर जीएसटी छूट योजना को अव्यवहारिक बताते हुए कहा कि सरकार ने बाग़वान को अनेकों औपचारिकता में ही उलझा कर हतोत्साहित करने का नायाब तरीक़ा ढूंढा हैं।
रोहित ठाकुर ने कहा कि  इससे पहले भी वर्तमान भाजपा सरकार ने फफूंदनाशक-कीटनाशक दवाइयों की सब्सिड़ी बन्द कर डीबीटी योजना लागू की थी जिसमें इसी तरह की औपचारिकता के निर्धारित की गई थी। सरकार के प्रचार के बावजूद भी यह योजना बूरी तरह से फेल हुई  क्योंकि  लंबी औपचारिकता के कारण कोई भी बाग़वान गत दो वर्षो में आगे नही आए ।
रोहित ठाकुर ने कहा कि सेब बाग़वानी में उपयोग होने वाली खाद  में केंद्र सरकार ने एक साल के भीतर 24% से 42% की वृद्धि कर दी जबकि पोटाश के दाम तो दोगुने हो चुके हैं ।  गत वर्ष NPK 12-32-16 का मूल्य ₹1185 रुपए प्रति बैग था जिसका मूल्य बढाकर 1470 जबकि एनपीके 15:15:15 का मूल्य पिछले वर्ष 1060 रुपए प्रति बैग था उसका मूल्य बढ़ाकर 1500 रुपए कर दिया। कांग्रेस सरकार के बागवानी विरोधी रवि को बर्दाश्त करने वाली नहीं है।

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