शिमला, सुरेन्द्र राणा;संजौली मस्जिद विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। सोमवार से आमरण अनशन शुरू करने के बाद अब देवभूमि संघर्ष समिति ने अन्य हिंदू संगठनों के साथ मिलकर 21 नवंबर को संजौली में बड़ा आंदोलन करने की चेतावनी दी है। इसमें चक्का जाम करने के साथ ही संजौली मस्जिद में शुक्रवार की नमाज नहीं होने की चेतावनी दी गई है।
आमरण अनशन के दूसरे दिन प्रदेशव्यापी आंदोलन के मद्देनजर प्रदेशभर से विभिन्न हिंदू संगठनों के पदाधिकारी संजौली पहुंचे और अपना समर्थन दिया। इसमें हिंदू रक्षा मंच के प्रदेश संयोजक कमल गौतम, विश्व हिंदू वाहिनी संघ, हिंदू रक्षा मंच और ब्राह्मण सभा के पदाधिकारी शामिल रहे। इसको लेकर जिला पुलिस और खुफिया एजेंसियां सतर्क हो गई हैं।
देवभूमि संघर्ष समिति के सह संयोजक मदन ठाकुर ने कहा कि इसके अलावा फोन के माध्यम से भी विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों ने प्रदर्शन को समर्थन देने की बात कही है। उन्होंने कहा कि प्रशासन और सरकार नगर निगम कोर्ट और जिला अदालत के आदेशों के बावजूद मस्जिद को गिराने के लिए कोई कदम नहीं उठा रही है। इसको लेकर हिंदू संगठनों में भारी रोष है। आमरण अनशन पर बैठने के बावजूद कोई प्रशासनिक अधिकारी और सरकार का प्रतिनिधि प्रदर्शन स्थल पर नहीं पहुंचा और न ही उनकी मांगों को सुनने का प्रयास किया।इसको देखते हुए शुक्रवार को प्रदेशव्यापी आंदोलन शुक्रवार को किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारी तीन प्रमुख मांगें हैं। इसमें अवैध घोषित हो चुकी संजौली मस्जिद को तोड़ने से पहले बिजली पानी कनेक्शन काटने, नमाज समेत अन्य सभी गतिविधियों पर रोक लगाने और पिछले दिनों रास्ता रोकने पर दर्ज की गई एफआईआर को निरस्त करना शामिल है।इससे पहले विगत सप्ताह शुक्रवार को देवभूमि संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने संजौली मस्जिद में नमाज अदा करने आने वाले मुस्लिम समुदायों के लोगों का रास्ता रोका था। पुलिस ने इस मामले में आधा दर्जन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इससे पहले भी वर्ष 2024 में विभिन्न हिंदू संगठनों ने संजौली में उग्र प्रदर्शन किया था। इसमें पुलिस के बैरिकेड तोड़कर मस्जिद की ओर जाने की कोशिश की गई थी। इस दौरान पुलिस को प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए लाठीचार्ज तक करना पड़ा था।

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