शिमला, सुरेन्द्र राणा: हिमाचल प्रदेश समेत देशभर के सेब उत्पादकों के लिए केंद्र सरकार की ओर से एक बड़ी राहत की घोषणा की गई है। मोदी सरकार ने बागवानों के हित में ऐतिहासिक और निर्णायक कदम उठाते हुए सेब आयात पर न्यूनतम आयात मूल्य (MIP) ₹50 से बढ़ाकर ₹80 प्रति किलो कर दिया है। यह निर्णय 3 जून 2025 को केंद्रीय कृषि मंत्री की मंजूरी के पश्चात लागू हुआ है।यह जानकारी भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता चेतन सिंह बरागटा ने आज शिमला में आयोजित एक प्रैस वार्ता में दी। उन्होंने इसे मोदी सरकार की किसान-बागवान हितैषी सोच और मजबूत इच्छाशक्ति का परिचायक बताया।
बरागटा ने कहा कि इस निर्णय से न केवल विदेशी सेबों की अंधाधुंध घुसपैठ पर रोक लगेगी, बल्कि स्थानीय सेब उत्पादकों को उचित मूल्य मिलने का मार्ग भी प्रशस्त होगा। उन्होंने इसे एक दूरदर्शी और साहसिक फैसला करार दिया, जो देश के बागवानों के भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में एक मजबूत कदम है।उन्होंने याद दिलाया कि 2023 में मोदी सरकार ने पहली बार सेब के लिए MIP ₹50 प्रति किलो निर्धारित किया था, जो कि अपने आप में एक ऐतिहासिक पहल थी। इससे पहले किसी भी सरकार ने इस तरह की नीति नहीं अपनाई थी।चेतन बरागटा ने गर्व के साथ बताया कि वर्ष 2018 से अब तक चीन से एक भी किलो सेब का आयात भारत में नहीं हुआ है।
यह मोदी सरकार की स्पष्ट और सख्त नीतियों का परिणाम है, जिसने आत्मनिर्भरता को प्राथमिकता देते हुए स्थानीय बागवानी को मजबूती प्रदान की है।उन्होंने प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर भी सवाल खड़े करते हुए कहा कि जब केंद्र सरकार किसानों के लिए इतने बड़े निर्णय ले रही है, तो हिमाचल प्रदेश की सरकार ने अब तक बागवानों के लिए क्या ठोस कदम उठाए हैं? अब समय आ गया है कि प्रदेश के बागवान राज्य सरकार से यह सवाल करें! आपने हमारे लिए क्या किया?अंत में चेतन सिंह बरागटा ने कहा कि मोदी सरकार की यह नीतियां स्पष्ट करती हैं कि केंद्र सरकार किसानों की आय, उनके हितों और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है। सेब उत्पादकों के लिए ये फैसले एक नई दिशा और आशा लेकर आए हैं।
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