निशांत सरीन के 40 बैंक खाते, एफडीआर और तीन लॉकर फ्रीज, 32 लाख की दो गाड़ियां जब्त

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पंजाब दस्तक, सुरेन्द्र राणा; निदेशालय (ईडी) चंडीगढ़ जोन ने 22 और 23 को हिमाचल के कांगड़ा में तैनात सहायक ड्रग नियंत्रक निशांत सरीन, उनके परिवार के सदस्यों और सहयोगियों के हरियाणा और पंजाब में स्थित सात आवासीय, वाणिज्यिक परिसरों और सरकारी कार्यालयों में तलाशी अभियान चलाया। यह तलाशी सरीन के सहायक औषधि नियंत्रक बद्दी के रूप में तैनात रहते हुए व्यक्तिगत लाभ और भ्रष्टाचार और रिश्वत के लिए आधिकारिक पद का दुरुपयोग करने से संबंधित एक मामले की गई। प्रवर्तन निदेशालय की ओर से गुरुवार को इसकी जानकारी दी गई।ईडी की तलाशी कार्रवाई के दौरान महत्वपूर्ण दवा लाइसेंस, फार्मास्युटिकल कंपनियों को जारी किए क्लीयरेंस, संपत्ति के दस्तावेज और डिजिटल उपकरण जैसे मोबाइल फोन, लैपटॉप, पैन ड्राइव भी जब्त किए गए।

तलाशी कार्रवाई के दौरान निशांत सरीन और उनके परिवार के सदस्यों के लगभग 32 लाख रुपये मूल्य के दो वाहन, 40 से अधिक बैंक खाते/एफडीआर और तीन लॉकर फ्रीज किए गए। इसके अलावा, ईडी ने सरीन के चंडीगढ़ स्थित ओमक्स कैसिया आवास से 60 से अधिक बिना रिकाॅर्ड की शराब की बोतलें भी बरामद की हैं। ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह मामला भ्रष्टाचार और पद के दुरुपयोग से जुड़ा है, जिसमें सार्वजनिक पद पर बैठे व्यक्ति ने निजी लाभ के लिए अपनी शक्ति का दुरुपयोग किया। ईडी के अनुसार मामले की जांच जारी है। यहां जानें पूरा मामलानिशांत पर आरोप है कि उसने बद्दी में सहायक ड्रग कंट्रोलर के पद पर रहते हुए निजी लाभ के लिए पद का दुरुपयोग किया। इसके साथ ही, निशांत ने रिश्वत ली और भ्रष्टाचार में लिप्त था। इस संदर्भ में ईडी ने 1988 के भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 11 के तहत दर्ज की गई एफआईआर पर कार्रवाई की। यह एफआईआर तब दर्ज हुई थी जब निशांत बद्दी में सहायक ड्रग कंट्रोलर के पद पर तैनात था।

जांच के दौरान निशांत को विजिलेंस ने गिरफ्तार किया था और उसकी सहयोगी कोमल खन्ना के खिलाफ आरोपपत्र भी दाखिल किया था। जमानत पर रिहा होने के बाद निशांत को सितंबर 2024 में सरकार ने धर्मशाला में सहायक ड्रग कंट्रोलर पद पर तैनात कर दिया। सरीन के खिलाफ हरियाणा पुलिस ने 2022 में एक और एफआईआर दर्ज की थी, जिसमें आरोप था कि उसने और उसकी सहयोगी कोमल ने पंचकूला की एक कंपनी में कथित जालसाजी की थी। आरोप है कि उसने खन्ना की हिस्सेदारी फीसदी से बढ़ाकर 95 कर दी थी और फिर धमकी देकर इसका विरोध करने वालों को दबाया था।

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