शिमला, सुरेन्द्र राणा:हिमाचल प्रदेश के लाहाैल-स्पीति जिले के उदयपुर उपमंडल के जाहलमा नाले में बाढ़ आने से काफी नुकसान हुआ है। नाले में भारी मात्रा में मलबा और पानी आने से क्षेत्र की सिंचाई योजनाओं को काफी नुकसान पहुंचा है। योजनाओं के पाइप बह गए हैं। कई पेड़ भी बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। इससे लगातार धंस रहे लिंडूर गांव को और ज्यादा खतरा पैदा हो गया है। जाहलमा नाले में बाढ़ आने से भूमि कटाव हो रहा है। इससे लिंडूर गांव की पहाड़ी के धंसने की रफ्तार तेज होने की संभावनाएं बन गई हैं।
बताया जा रहा है बुधवार को पहाड़ी से ग्लेशियर टूटा था। इस कारण नाले में लिंडूर गांव से कुछ दूरी पर नाले का प्रवाह रुक गया था। इससे यहां झील बन गई थी। शुक्रवार को तेज धूप के बीच नाले में पीछे से पानी का बहाव अधिक हो गया। इससे अचानक झील टूट गई। इससे नाले में बाढ़ आ गई। बाढ़ आने से तलजोन, कोठी, फूड़ा, जाहलमा और हालिंग गांव के लोगों की सिंचाई कूहलों को काफी नुकसान पहुंचा है। नाले में सिंचाई के लिए रखे पाइप बह गए हैं। इससे उपरोक्त गांवों के किसानों बागवानों को अपने खेतों की सिंचाई की चिंता सताने लगी।
बाढ़ के कारण नाले में पाइपों के साथ साथ पेड़ भी बहकर आए हैं। इससे लोगों में भय का माहौल है। वीरवार को घाटी के सलपट नाले में भी बाढ़ आई थी। इसमें किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ था, लेकिन शुक्रवार शाम को अचानक जाहलमा नाला में बाढ़ आ गई। बताया जा रहा है कि जाहलमा नाला धंस रहे लिंडूर गांव के ठीक नीचे से होकर बहता है। इससे लिंडूर गांव को खतरा बढ़ गया है। उधर, प्रशासन ने भी जाहलमा नाला में आई बाढ़ को लेकर क्षेत्र में लोगों को नदी-नालों से दूर रहने की अपील की है। बहरहाल, नाले में बाढ़ आने से क्षेत्र के लोग एक-दूसरे से फोन के माध्यम से नुकसान की जानकारी जुटा रहे हैं।
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