दिल्ली: एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने भारत के शहरी विकास के लिए अगले पांच वर्षों में 10 अरब डालर (करीब 83 हजार करोड़ रुपए) देने की प्रतिबद्धता जताई है। इसमें मेट्रो का विस्तार भी शामिल है। एडीबी के अध्यक्ष मसातो कांडा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद रविवार को यह जानकारी दी। दोनों की मुलाकात शनिवार देर शाम हुई थी। मसातो कांडा ने कहा कि शहर विकास के इंजन हैं। एडीबी भारत की शहरी अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए पूंजी जुटाएगा, परियोजनाओं को तेजी से लागू करेगा और लोगों को 2047 तक विकसित भारत की राह में आगे बढऩे में मदद करेगा। एडीबी ने एक बयान में कहा कि इस बदलावकारी योजना में सरकारी कर्ज, निजी क्षेत्र से वित्तपोषण और तीसरे पक्ष की पूंजी शामिल है। यह योजना भारत की अर्बन चैलेंज फंड (यूसीएफ) पर आधारित है, जिसे एडीबी इसलिए मदद दे रहा है, ताकि शहरों के विकास के लिए निजी कंपनियां निवेश करें।
भारत के 100 शहरों में यह देखा जा रहा है कि कहां-कहां तेजी से विकास हो सकता है, शहरों को कैसे बेहतर बनाया जा सकता है, और पानी-सफाई की सुविधाएं कैसे सुधारी जा सकती हैं। यह सब मिलकर अर्बन चैलेंज फंड की नींव तैयार कर रहा है। एडीबी ने कहा कि वह 30 लाख डालर की तकनीकी मदद भी देगा, ताकि ऐसी परियोजनाएं तैयार की जा सकें, जिनमें निवेश किया जा सके और राज्यों व शहरी निकायों की क्षमता को मजबूत किया जा सके। अनुमान के अनुसार, 2030 तक भारत की 40 फीसदी से ज्यादा आबादी शहरों और कस्बों में रहने लगेगी। एडीबी अब तक 22 राज्यों के 110 से ज्यादा शहरों में पानी की आपूर्ति, स्वच्छता, आवास (हाउसिंग) और कचरा प्रबंधन से जुड़ी योजनाओं पर काम कर चुका है। इस समय एडीबी की शहरों से जुड़ी 27 योजनाएं जारी हैं।
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