शिमला, सुरेन्द्र राणा: वर्ष 1819 से अस्तित्व में आया शिमला जहां अपनी ऐतिहासिक धरोहरों के लिए प्रसिद्ध है वहीं ब्रिटिशर्स राज में समर कैपिटल ने भी रहा है। डेढ़ सौ वर्षों से पुरानी नगर निगम शिमला अब 1870 से 2015 तक के जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र लोगों को घर पर ही उपलब्ध करवाएगी।
नगर निगम शिमला ने वर्ष 1870 से 2015 तक का जन्म एवं मृत्यु का सारा डाटा अब ऑनलाइन कर दिया है।CM सुखविंदर सिंह सुक्खू जल्द इस सेवा का शुभारंभ करेंगे।देश के विभिन्न कोनों में रह रहे लोग ही नही अपितु विदेशी भी अब घर बैठे अपने जन्म एवं मृत्यु प्रमाणपत्र चंद मिनटों में एक क्लिक के साथ पा सकेंगे।आजादी से पहले शिमला में रह रहे ब्रिटिशर्स व अन्य विदेशियों के रिश्तेदार इस रिकॉर्ड के लिए शिमला पहुंचते थे।अब सात समंदर पार रह रहे उन विदेशी लोगों के लिए शिमला में आने की आवश्यकता नही पड़ेगी। उन्हें घर द्वार पर ही अब रिकॉर्ड उपलब्ध हो जाएगा।नगर निगम के पास इस समय जन्म एवं मृत्यु का 3,11,681 का आंकड़ा दर्ज है।महापौर सुरेंद्र चौहान ने बताया कि शिमला नगर निगम भारत की सबसे पुराने नगर निगम में से एक है।
ब्रिटिशकालीन समय मे शिमला भारत की राजधानी थी। शिमला नगर निगम के पास 1870 से जन्म एवं मृत्यु का डाटा उपलब्ध है। इस समय नगर निगम शिमला के पास 2,37,741 जन्म व 73,940 मृत्यु का डाटा है जो कुल मिलाकर 3,11,681 है। जिसे निगम ने अब ऑनलाइन कर दिया है। यह डाटा वर्ष 1870 से 2015 तक का है।कोई भी देश के कोने में हो या विदेश में वह अपना व अपने रिश्तेदारों के जन्म एवं मृत्यु प्रमाणपत्र कुछ ही मिनटों में घर बैठे प्राप्त कर सकता है।उन्होंने कहा कि बहुत से विदेशी प्रत्येक वर्ष अपने रिश्तेदारों के जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र लेने शिमला नगर निगम आते थे। उन्होंने कहा कि प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए उपभोक्ता को मात्र 50 रुपये अदा करने होंगे और वह अपना प्रमाण पत्र डाउनलोड कर सकता है।
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