नवोदय भर्ती परीक्षा में नकल करते 40 हरियाणवी अरेस्ट, आधुनिक उपकरणों से दे रहे धोखा

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शिमला, सुरेन्द्र राणा: प्रदेश की राजधानी शिमला में रविवार को आयोजित नवोदय विद्यालय समिति की लैब सहायक भर्ती परीक्षा में बड़ा फर्जीबाड़ा उजागर हुआ है। परीक्षा के दौरान विभिन्न केंद्रों पर नकल और तकनीकी उपकरणों के जरिए धोखाधड़ी की कोशिशें सामने आई हैं। पुलिस ने मौके पर कार्रवाई करते हुए 40 लोगों को गिरफ्तार किया है, जो सभी हरियाणा के निवासी हैं। यह मामला न केवल प्रदेश में, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भर्ती प्रक्रियाओं की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर रहा है। नवोदय भर्ती परीक्षा में ब्लूटूथ और अन्य उपकरणों से 40 अभ्यर्थी नकल करते हुए पकड़े हैं। गौर हो कि शिमला शहर में रविवार को नवोदय विद्यालयों में लैब अटेंडेंट के पद भरने के लिए भर्ती परीक्षा आयोजित की गई थी। नवोदय भर्ती परीक्षा में शिमला शहर के अलग-अलग परीक्षा केंद्रों में परीक्षा के दौरान कदाचार और अनुचित व्यवहार के कई मामले सामने आए हैं, जिसमें अनधिकृत इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग, धोखाधड़ी और अनुचित लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से अन्य निषिद्ध गतिविधियां शामिल हैं।इन उल्लंघनों के परिणामस्वरूप शिमला के विभिन्न पुलिस स्टेशनों में पांच अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई हैं।

परीक्षा केंद्रों के परीक्षा अधीक्षकों की ओर से पुलिस को इस बारे में दी गई शिकायत के आधार पर शिमला पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की है। पुलिस ने शिकायत मिलने पर त्वरित कार्रवाई करते हुए शहर के चार थाना क्षेत्रों में पांच एफआईआर दर्ज की हैं। इन एफआईआर में हाल ही में बनाए गए पब्लिक एग्जामिनेशन (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 और भारतीय न्याय संहिता की धारा 61(2) के तहत प्रावधानों का उल्लेख किया गया है। पंजीकृत एफआईआर में थाना सदर, थाना छोटा शिमला, थाना न्यू शिमला और थाना ढली शामिल हैं। इनमें सबसे अधिक 13 गिरफ्तारियां छोटा शिमला और 12 थाना ढली में हुई हैं। सदर थाने में सात, न्यू शिमला में आठ गिरफ्तारियां हुई हैं।मामले में किसी बड़े गिरोह के शामिल होने की आशंकाशिमला पुलिस के अनुसार गिरफ्तार सभी 40 आरोपी हरियाणा से ताल्लुक रखते हैं। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि ये सभी किसी संगठित गिरोह का हिस्सा हो सकते हैं, जो देशभर में होने वाली सरकारी भर्ती परीक्षाओं को टारगेट करता है। यह गिरोह अभ्यर्थियों को परीक्षा में पास कराने के लिए तकनीकी सहायता प्रदान करता है जिसमें इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के जरिए बाहर से उत्तर बताए जाते हैं। पुलिस को शक है कि यह गिरोह पहले भी कई राज्यों में ऐसी घटनाओं को अंजाम दे चुका है।

एसआईटी गठित, जांच में और गिरफ्तारियों की संभावना

एसपी शिमला संजीव गांधी ने बताया कि इस मामले की गहन जांच के लिए एक विशेष जांच टीम गठित की गई है। इस टीम का नेतृत्व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रतन नेगी कर रहे हैं। टीम में आठ अनुभवी पुलिस अधिकारियों को शामिल किया गया है, जो तकनीकी और फील्ड इन्वेस्टिगेशन में दक्ष हैं। पुलिस सूत्रों का मानना है कि आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।

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