प्रदर्शन में शामिल शिक्षकों का एक दिन का वेतन कटेगा, सरकार के खिलाफ बयानबाजी पर होगा निलंबन

शिमला, सुरेंद्र राणा: हिमाचल प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ की ओर से शनिवार को चाैड़ा मैदान में प्रदर्शन किया गया। इस दाैरान बड़ी संख्या में प्राथमिक शिक्षक प्रदर्शन में शामिल हुए और अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी की। उधर, सरकार ने मनाही के बावजूद प्रदर्शन में शामिल होने वाले शिक्षकों पर कड़ी कार्रवाई करने का फैसला लिया है। शिक्षा सचिव की ओर से जारी निर्देशों में कहा गया है कि प्रदर्शन में शामिल शिक्षकों का एक दिन का वेतन काटा जाएगा। साथ ही प्रदर्शन में सरकार, सरकार की नीतियों व कार्यक्रमों के खिलाफ बयानबाजी करने वाले शिक्षकों को तुरंत निलंबित किया जाएगा और उनके खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

स्कूल शिक्षा निदेशक को ऐसे शिक्षकों को चिन्हित करने को कहा गया है। सरकार ने सख्त निर्देश दिए हैं कि गैर शिक्षण कार्य करने से मना करने वाले शिक्षकों को प्रीमेच्योर रिटायरमेंट या समयपूर्व सेवानिवृत्ति दी जाएगी। सरकार के अनुसार यह ध्यान में आया है कि संघ के पदाधिकारियों व शिक्षकों की ओर से किसी तरह का ऑनलाइन कार्य नहीं करने, ऑनलाइन हाजिरी न लगाने व एमडीएम का कार्य नहीं करने का बयान दिया गया है जोकि सरकार के निर्देशों की सीधी अवहेलना है और इसे गंभीरता से लिया गया है। उप शिक्षा निदेशकों को ऐसे मामलों की निगरानी करने को कहा गया है। जो शिक्षक इन कार्यों को करने से मना करेंगे, उन्हें प्रीमेच्योर रिटायरमेंट दी जाएगी।

बता दें, शिक्षा सचिव राकेश कंवर की ओर से जारी पत्र में कहा गया था कि अगर शिक्षकों ने शनिवार को विरोध प्रदर्शन किया तो इसे मिस कंडक्ट माना जाएगा। उन्होंने नियोजित आंदोलन को गंभीर कदाचार और केंद्रीय सिविल सेवा (आचरण) नियम 1964 का उल्लंघन भी बताया। शिक्षा सचिव की ओर से प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष जगदीश शर्मा और महासचिव संजय को नोटिस जारी किया। लेकिन बावजूद इसके शिक्षकों ने शनिवार को प्रदर्शन किया। शिक्षक संघ हाल ही में शिक्षा निदेशालयों के हुए प्रशासनिक पुनर्गठन का विरोध कर रहा है। इसी के विरोध में पहले प्राथमिक शिक्षक संघ ने चाैड़ा मैदान में प्रदर्शन किया। अब सरकार की ओर से बड़ी कार्रवाई की गई है।

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