शिमला, सुरेन्द्र राणा: पीएम पोषण योजना के तहत स्कूलों में बच्चों को दिया जाने वाला दोपहर का भोजन (मिड-डे मील) अब और पौष्टिक होगा। सरकार एमडीएम का जायका बदलने के लिए इसमें कई सुधार करेगी। केंद्र सरकार के समक्ष शिक्षा सचिव राकेश कंवर ने हिमाचल में स्कूलों में दिए जाने वाले मिड-डे मील की पूरी रिपोर्ट रखी है। वहीं, केंद्र के आदेशों पर हिमाचल के लिए इस बार 114 करोड़ का बजट मंजूर किया गया है। बैठक में निदेशक स्कूल शिक्षा आशीष कोहली भी मौजूद थे। बैठक के दौरान मिड-डे मील के लिए किए जा रहे कार्यों व योजनाओं की भी जानकारी दी। इसमें बताया गया कि सरकार ने पिछले साल मुख्यमंत्री बाल पौष्टिक आहार योजना शुरू की थी। यह मिड-डे मील का ही विस्तार है। इसमें बच्चों को सप्ताह में एक दिन अंडे व ताजे फल दिए जाते हैं।
ऐसे में अब जल्द ही इस साल के लिए भी ग्रांट जारी की जाएगी। इसके साथ ही केंद्र के समक्ष हिमाचल के स्कूलों में दिए जा रहे पौष्टिक आहार के बारे में भी अवगत करवाया है। गौर रहे कि प्रदेश के 10732 प्राथमिक स्कूलों के 3,06,639 विद्यार्थियों और 4783 माध्यमिक स्कूलों के 2,12,850 विद्यार्थियों को मिड-डे मील दिया जाता है। प्री प्राइमरी कक्षाओं के 51000 बच्चों को भी मिड-डे मील की सुविधा दी जा रही है। केंद्र प्रायोजित इस योजना में हिमाचल को 90:10 के अनुपात में बजट मिलता है। पीएम पोषण योजना केंद्र सरकार की है। इसके तहत बच्चों को मिड-डे मील यानि दोपहर का भोजन निशुल्क दिया जाता है। हिमाचल को 90:10 की हिस्सेदारी में बजट मिलता है। प्री प्राइमरी से कक्षा आठ तक के बच्चों को यह भोजन प्रतिदिन स्कूल में दिया जाता है।
मिड-डे मील के लिए ये नियम किए गए हैं तय
केंद्र ने मिड डे मील के लिए नियम तय किए हैं। इसके तहत कक्षा-1 से 5 तक प्रति छात्र 100 ग्राम चावल, कक्षा-6 से 8 तक 150 ग्राम चावल, दालें कक्षा 1 से 5 तक 20 ग्राम, कक्षा-6 से 8 तक 30 ग्राम प्रति छात्र है। इसी तरह सब्जियां 50 ग्राम कक्षा-1 से 5 तक और कक्षा-6 से 8 तक 75 ग्राम देना तय किया है। इसमें पहले सप्ताह के सोमवार को साबुत मूंग दाल और चावल, मंगलवार को सब्जी के साथ पुलाव, बुधवार को राजमा चावल, गुरुवार को चना दाल और सब्जी के साथ खिचड़ी, शुक्रवार को उड़द दाल और चावल, शनिवार को काले चने और चावल परोसे जाते हैं।
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