पंजाब दस्तक: देशभर में बिना वैज्ञानिक परीक्षण और मंजूरी के बनाई और बेची जा रही एफसीडी (फिक्स्ड कंबीनेशन डोज) दवाओं पर अब केंद्र सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के ड्रग कंट्रोलर्स को बिना मंजूरी वाली 35 एफसीडी दवाओं का निर्माण और विपणन तुरंत प्रभाव से रोकने के सख्त निर्देश जारी किए है। इन एफसीडी दवाओं में दर्द निवारक, मधुमेह की दवाएं, उच्च रक्तचाप की दवाएं, नर्व पेन (तंत्रिका संबंधी दर्द) की दवाएं, प्रजनन क्षमता बढ़ाने वाली दवाएं और पोषण संबंधी सप्लीमेंट शामिल हैं।
जानकारी के अनुसार ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया डा. राजीव सिंह रघुवंशी के हवाले से जारी निर्देश में कहा गया है कि कुछ एफडीसी दवाओं को बिना सुरक्षा और प्रभावशीलता का वैज्ञानिक मूल्यांकन किए राज्य स्तर पर लाइसेंस जारी किए गए हैं, जो सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा हैं।ड्रग कंट्रोलर जनरल ने चेतावनी दी है कि इस तरह की अनियमितताएं मरीजों की जान को जोखिम में डाल सकती हैं। इन दवाओं से दवा रिएक्शन, दवा का आपसी टकराव और गंभीर स्वास्थ्य खतरे हो सकते हैं, क्योंकि इनकी कोई वैज्ञानिक पुष्टि नहीं हुई होती। सीडीएससीओ ने राज्यों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि 35 सूचीबद्ध एफडीसी दवाओं के साथ-साथ अन्य सभी अनअप्रूव्ड एफडीसी दवाओं का निर्माण, वितरण और बिक्री तत्काल प्रभाव से रोकी जाए। साथ ही इन दवाओं के खिलाफ जांच कर आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाए।नियमों का पालन सुनिश्चित करेंड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के ड्रग कंट्रोलर्स को निर्देश दिया है कि वे अपने एफडीसी अनुमोदन की प्रक्रिया की पुन: समीक्षा करें और कानून व नियमों के कठोर पालन को सुनिश्चित करें।
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