अब शराब भी बेचेगा एचपीएमसी, शिमला में 31 ठेकों का संचालन करने का मिला नया जिम्मा

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शिमला, सुरेंद्र राणा: एचपीएमसी अभी तक वाइन तैयार करने का कारोबार करता है, लेकिन अब सरकार ने उसे शराब के ठेके भी दे दिए हैं। शिमला जिला में एचपीएमसी को 31 शराब ठेके दिए गए हैं, जिनको उसे ही चलाना होगा, लेकिन इससे पहले एचपीएमसी को वाइन की बिक्री के लिए लाइसेंस चाहिए, जो उसे नहीं मिल पाया है। बताया जा रहा है कि एचपीएमसी द्वारा जरोल व पराला में वाइन तैयार करने के नए प्लांट लगा दिए गए हैं, मगर उसमें अभी वाइन तैयार नहीं हो पा रही है, क्योंकि राज्य कर एवं आबकारी विभाग से उसे जरूरी लाइसेंस चाहिए। अब क्योंकि शराब के ठेके भी उनको दिए गए हैं, तो उम्मीद है कि शराब और वाइन के लाइसेंस उसे जल्द मिल जाएंगे। बुधवार से इसको लेकर प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। एचपीएमसी एक बार फिर वाइन का बड़ा कारोबार करने की तैयारी में है। कैबिनेट से उसे मंजूरी मिल चुकी है, जिसके बाद उसने राज्य कर एवं आबकारी महकमे को अप्लाई भी कर रखा है। वहां से अभी तक औपचारिकताएं पूरी नहीं की गई हैं। बता दें कि मंडी के जरोल में जो पुराना कारखाना था, उसकी जगह पर एचपीएमसी ने नया कारखाना तैयार कर लिया है। पहले कहा जा रहा था कि मार्च तक लाइसेंस मिल जाएगा, परंतु अभी तक यह नहीं मिल पाया है।

अप्रैल से पराला प्रोसेसिंग यूनिट में भी वाइन का निर्माण शुरू किया जाना था, जिसके लिए इंतजार चल रहा है। जैसे ही लाइसेंस मिलेगा, यहां पर काम शुरू कर दिया जाएगा। हिमाचल के फलों पर आधारित वाइन ज्यादा से ज्यादा बनाई जाए और उसकी बिक्री बढ़े, जिससे एचपीएमसी का कारोबार बढ़े, ऐसी योजना है। वैसे एचपीएमसी पहले भी वाइन तैयार करता है, मगर इसके कोई ज्यादा ब्रांड नहीं है और न ही ज्यादा ब्रांडिंग हुई है। ऐसे में अब नए सिरे से इस कारोबार को बढ़ाने की कोशिश है। दूसरी तरफ अब सरकार ने उसे शराब के ठेके भी दे दिए हैं, लिहाजा उनको भी काम चलाना है। अधिकारी बुधवार को इस संबंध में आगे रणनीति बनाएंगे कि आखिर किस तरह से इस काम को अंजाम देना है। इसके लिए एचपीएमसी को नया आधारभूत ढांचा शिमला के अलग-अलग क्षेत्रों में तैयार करना होगा। उसे यह फायदा मिलेगा कि जहां वह शराब बेचेगा, वहीं अपनी तैयार की गई वाइन को भी आसानी से बचे सकेगा। पिछले सीजन में एचपीएमसी ने मंडी मध्यस्थता योजना के तहत बागबानों से 41 हजार मीट्रिक टन सेब खरीदा है। यह खरीद एचपीएमसी और हिमफेड के माध्यम से की गई है। बागबानों से एचपीएमसी ने जो सेब खरीदा है, उसका आगे कंसेंट्रेट तैयार कर लिया गया है। करीब दो हजार टन कंसेंट्रेट यहां पर बना लिया गया है और अब इसको बेचने का काम चल रहा है। इसके साथ अन्य फलों पर आधारित वाइन भी तैयार की जाएगी, जिसकी बिक्री एचपीएमसी आने वाले समय में बड़े पैमाने पर करेगा।

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