शिमला, सुरेन्द्र राणा, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि एनएचएआई और बीबीएमबी की जहां परियोजनाएं चल रही हैं, वहां पर अगर खेती भी करनी है तो अनुमति इनसे लेनी पड़ रही हैं। इसके लिए एक मैकेनिज्म बनाने की जरूरत है। बाहर की एजेंसी जो भी काम करती है, उसके लिए एक प्रणाली बनाई जानी चाहिए। वह मुख्यमंत्री से भी बात करेंगे।
बुधवार को सदन में शून्यकाल के दौरान ज्वालामुखी के कांग्रेस विधायक संजय रतन ने मामला उठाया कि मटौर-शिमला फोरलेन के निर्माण के दौरान देहरियां पंचायत में नादौन पुल तक एनएचएआई ने सड़क को 70 फुट तक खोद दिया है। गांवों के लिए जाने के रास्ते और सड़कें खराब कर दी गई हैं। उन्होंने कहा कि जो डीपीआर बनती हैं तो वे ढंग से बनें। उसे लोगों और गांवों को ध्यान में रखकर बनाया जाए। वह मंत्री के ध्यान में भी लाना चाहते हैं कि आज छह महीने हो गए हैं। लोगों को आने-जाने की दिक्कत हो रही है। वह जल्दी से जल्दी लोगों को रास्ता दें।
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि उन्होंने एक मामले में बिलासपुर में जाकर बैठक भी की। वहां पर एनएचएआई ने 14 सड़कें डैमेज करवा दीं। वहां 14 करोड़ रुपये दिलाने का प्रयास किया गया। इसे मुख्यमंत्री के ध्यान में भी लाया जाएगा। वे भी उस सड़क से बहुत गुजरते हैं। बिलासपुर में भी फ्लाई ओवर पुल का यही हाल है। पूर्व में क्या हुआ, क्या नहीं हुआ, वह इस पर नहीं जाएंगे। अपनी लड़ाई लड़नी होगी। चाहे सुप्रीम कोर्ट जाना हो या हाईकोर्ट ही जाना हो।
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