शिमला, सुरेन्द्र राणा: शिमला के शोघी-आनंदपुर-मैहली बाईपास पर मंगलवार रात शील गांव में हुए सड़क हादसे ने चार अनमोल जिंदगियों को काल का ग्रास बना लिया। लोगों ने कहा कि अगर दुर्घटनास्थल पर क्रैश बैरियर होता तो शायद यह जिंदगियां बच जातीं।
हादसे की सूचना मिलते ही आसपास के लोग बचाव के लिए मौके पर पहुंचे लेकिन यहां हृदयविदारक हालात देखकर सिहर उठे। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक कार तीखे मोड़ पर अनियंत्रित होकर सीधे 100 फीट खड़ी ढांक से गिरकर नाले में एक बड़े पत्थर के ऊपर जा गिरी। इस वजह से वाहन बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। हादसे में वाहन में सवार चारों लोगों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया था। घटना स्थल के पास ही वर्कशॉप का काम करने वाले परवेश ने बताया कि वह और उनका एक दोस्त सबसे पहले घटनास्थल पर पहुंचे और उन्होंने फौरन मामले की सूचना पुलिस को दी।
उन्होंने बताया कि घटनास्थल तक पहुंचने के लिए ढांक से उतरकर पहुंचाना पड़ा जोकि काफी मुश्किल था। वहीं स्थानीय लोगों ने बताया कि जिस स्थान पर हादसा हुआ, वहां पर क्रैश बैरियर भी नहीं थे। अगर क्रैश बैरियर होते तो जानी नुकसान कम हो सकता था।
वहीं इस दर्दनाक हादसे की सूचना मिलते ही रात के समय परिजनों को सूचना मिलते ही उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। सूचना के मुताबिक मृतक रूपा सूर्यवंशी और प्रगति मां-बेटी थे तो वहीं मुकुल भी उनके नजदीकी रिश्तेदार बताया जा रहा है जबकि जय सिंह पेशे से चालक था। वह भी संजौली का रहने वाला था। पुलिस ने इस संबंध में केस दर्जकर हादसे के कारणों की जांच शुरू कर दी है। स्थानीय लोगों ने प्रदेश सरकार से मार्ग पर क्रैश बेरियर लगाने की मांग उठाई है, जिससे भविष्य में इस तरह के हादसे न हो।देर रात आईजीएमसी पहुंचाए शव शीलगांव सड़क हादसे में अंधेरे और खड़ी हांक में उतरकर बचाव टीमों ने कई घंटों की मशक्कत के बाद शवों को सड़क तक पहुंचाया। शवों को निकालने के लिए बचाव दल के सदस्यों ने अपनी जान जोखिम में डालकर कार्य को अंजाम दिया। इसके बाद शवों को आईजीएमसी अस्पताल ले जाया गया।
+ There are no comments
Add yours