शिमला, सुरेन्द्र राणा: विधानसभा में शुक्रवार को संस्थानों को बंद करने और खोलने का मामला खूब गर्माया। सदन में दोनों तरफ के विधायक आमने-सामने थे और इस दौरान जमकर टकराव हुआ। मुख्यमंत्री की अनुपस्थिति में उप मुख्यमंत्री मुकेश अगिनहोत्री ने कहा कि सरकार पूरी तरह से स्थिर, स्थायी और टिकाऊ है। जहां संस्थानों की जरूरत होगी, वहां सरकार संस्थान खोलेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व जयराम सरकार ने सत्ता को वापस हथियाने के नजरिए से आखिरी छह महीने में संस्थान खोले थे, लेकिन फिर भी भाजपा को जनता ने बाहर कर दिया। पूर्व सरकार ने 1000 ऐसे संस्थान खोले, जिनके लिए न तो बजट था और न ही कोई पद रखे गए थे। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार पूरे विवेक के साथ सोच समझकर संस्थान खोल रही है।सदन में विधायक रणधीर शर्मा के सवाल के जवाब में मुकेश ने कहा कि हर विधानसभा क्षेत्र में जल शक्ति का एक डिवीजन दिया जाएगा। शिक्षा क्षेत्र और ग्रामीण विकास में सरकार संस्थानों का युक्तिकरण कर रही है और जहां पर इनकी जरूरत होगी वहां सरकार पूरे दम के साथ संस्थान खोलेगी। उन्होंने जयराम ठाकुर पर तंज कसते हुए कहा कि इनकी सरकार चली गई इसलिए वह गुस्से में हैं, इनका गुस्सा समझा जा सकता हैं।जो संस्थान चल रहे थे, उन्हें भी बंद कर दियाविपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने कहा कि वर्तमान सरकार ने सत्ता में आने के तुरंत बाद यहां पूर्व सरकार द्वारा खोले गए संस्थानों को राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से बंद किया।
उन्होंने कहा कि जो संस्थान चल रहे थे और उनमें स्टाफ काम कर रहा था उनको भी बंद कर दिया गया। बाद में उन्हीं संस्थानों को डी नोटिफाई कर रहे हैं तो क्या उनकी जरूरत नहीं थी जो पूर्व सरकार ने खोले थे। उन्होंने अब संस्थानों को वापस खोलने पर इसके पैरामीटर के बारे में सवाल किया।बताएं, कितने संस्थानों को डिनोटिफाई कियाविधायक राकेश जम्वाल ने पूछा कि कितने संस्थानों को सरकार ने डीनोटिफाई किया है। विधायक सतपाल सत्ती ने भी संस्थान बंद करने पर सवाल उठाया, जिस पर मुकेश अग्रिहोत्री ने कहा कि ऊना में तो सरकार ने नगर निगम दे दिया है। वहां जो भी कार्यालय खुलेंगे, वे विधायक की राय से ही खुलेंगे। विधायक हंसराज ने कहा कि उनके क्षेत्र में तीन प्राइमरी स्कूल बंद कर दिए और बिजली बोर्ड का डिवीजन नहीं खोला। इस पर मुकेश ने कहा कि वहां भी संस्थान खोल दिए जाएंगे
प्रदेश में 632505 बेरोजगार
प्रदेश में 632505 बेरोजगार हैं। भरमौर से जनक राज, सुंदरनगर से राकेश जम्वाल, बिलासपुर के विधायक त्रिलोक जम्वाल द्वारा पूछे गए सवाल के लिखित जबाव में बताया गया कि प्रदेश में इस समय प्रदेश में 178294 अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के 38510 और सामान्य वर्ग के 325787 लोग बेरोजगार हैं।एफआरए के तहत हिमाचल में 3327 मामले मंजूरहिमाचल प्रदेश में बीते तीन सालों में एफआरए के तहत 3327 मामले मंजूर किए गए हैं। सदन में विधायक आशीष बुटेल के सवाल पर जवाब देते हुए राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि एफआरए एक्ट 2006 में पूर्व यूपीए सरकार का एक क्रांतिकारी कानून है, लेकिन हिमाचल में इस कानून का अभी तक पूरा सदुपयोग नहीं हो पाया है।
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