मंडी, भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पूर्व चेयरमैन संजीव कटवाल ने कहा कि हिमाचल का बजट प्रदेश के लाखों लोगों के साथ धोखा है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश की ट्रेज़री में ओवर ड्राफ्ट चल रहा है पर मुख्यमंत्री जनता को गुमराह करने के लिए घोषणा पर घोषणा कर रहे है, जनता जानना चाहती है कि यह घोषणाएं पूरी कैसे होगी।
संजीव ने कहा बतौर वित्त मंत्री एवं मुख्यमंत्री ने अपना तीसरा बजट पेश करते हुए सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पूरी साफगोई से प्रदेश के सामने गंभीर आर्थिक संकट की बात स्वीकार की है। आखिरकार मुख्यमंत्री मान ही गए कि उन्होंने हिमाचल प्रदेश की क्या हालत कर दी है। बढ़ते कर्ज के बोझ तले दबते जा रहे प्रदेश की अर्थव्यवस्था को सबल देने के लिए उठाए जा रहे कदमों का सिलसिलेवार जिक्र भी किया, लेकिन आर्थिक तंगहाली दूर करने व विकास योजनाओं को तीव्र गति से अमलीजामा पहनाने के लिए जिस रोडमैप की जरूरत है, उसका विस्तृत जिक्र उनके बजट भाषण में नहीं दिखा। हिमाचल की जनता परेशान है कि हिमाचल प्रदेश का भविष्य क्या होगा और जिस प्रकार हिमाचल प्रदेश की वित्तीय हालत लगातार गिरती चली जा रही है उसे सभी चिंतित है। मुख्यमंत्री ने हर बार की तरह सदन के सदस्यों से सुझाव लेने की बात तो कही, लेकिन सवाल यह है कि अब तक कितने सुझाव मिले हैं ?
उन्होंने कहा की बजट में गांव से लेकर शहर, युवा, नारी शक्ति से लेकर किसान, कर्मचारी वर्ग, बुजुर्गजनों, जनप्रतिनिधियों व समाज के वंचित तबकों के लिए नई योजनाओं व वित्तीय मदद का ऐलान किया है, लेकिन इनके लिए जरूरी धन जुटाना सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी। बजट के आंकड़ों से स्पष्ट है कि सरकार की कमाई के हर 100 रुपए में से 45 रुपए वेतन-पैंशन, 22 रुपए कर्ज व ब्याज अदायगी, 9 रुपए अन्य खर्चों पर लगाने पड़ रहे हैं व विकास योजनाओं के लिए महज 24 रुपए बच रहे हैं। ऐसे में नई योजनाओं के लिए अतिरिक्त – राजस्व जुटाने के लिए ऐसे कड़े कदमों की जरूरत रहेगी जोकि अकसर सियासी तौर पर फायदेमंद नहीं रहते।
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