शिमला, सुरेन्द्र राणा: हिमाचल के युवाओं को नशे की गर्त में जाने से बचाने के लिए उच्च शिक्षा निदेशालय ने बड़ा फैसला लिया है। अब स्कूलों 9वीं से 12वीं कक्षाओं में दाखिले के दौरान अभिभावकों और विद्यार्थियों को किसी भी प्रकार का नशा नहीं करने का वचनपत्र देना होगा। दाखिले के बाद किसी भी विद्यार्थी ने नियम तोड़कर नशे का सेवन किया तो उसे स्कूल से निष्कासित कर दिया जाएगा।
स्कूलों में नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ अभियान भी चलाया जाएगा। नशा करने वाले विद्यार्थियों का स्कूलों से ब्योरा भी मांगा गया है। इन विद्यार्थियों की काउंसलिंग के माध्यम से नशे की लत को दूर किया जाएगा। बुधवार को उच्च शिक्षा निदेशालय की ओर से सभी जिला शिक्षा उपनिदेशकों को जारी पत्र में निर्देश दिया गया है कि प्रत्येक छात्र और अभिभावक को प्रवेश के समय एक वचनबद्धता पर हस्ताक्षर करना होगा, जिसमें यह कहा जाएगा कि स्कूल नशा निषेध क्षेत्र है।
इस पहल का उद्देश्य नशीली दवाओं के दुरुपयोग के प्रति शून्य सहिष्णुता का माहौल बनाना है। माता-पिता और छात्रों को यह वचन लेना होगा कि वे मादक पदार्थों के सेवन या उपयोग से संबंधित किसी भी गतिविधि में शामिल होने से परहेज करेंगे। हस्ताक्षरित समझौता संस्थान के नशा विरोधी रुख को बनाए रखने की प्रतिबद्धता के रूप में काम करेगा।
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