पेपर लीक मामले में एक और एफआईआर, वर्ष 2021 में निकला था भर्ती का नतीजा
शिमला, सुरेन्द्र राणा: भंग हो चुके हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग के समय हुए पेपर लीक मामले में विजिलेंस ने एक और एफआईआर दर्ज की है। जेओए (आईटी) पोस्ट कोड 965 की लिखित परीक्षा 25 दिसंबर 2022 को होने वाली थी, लेकिन परीक्षा से दो दिन पहले ही पेपर लीक होने पर पहली एफआईआर दर्ज हुई थी। मामले में जांच एजेंसी ने पोस्ट कोड 826 के तहत जूनियर इंजीनियर (सिविल) में गड़बड़ी पाए जाने पर 16वीं एफआईआर दर्ज की है।
हालांकि, यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि भर्ती में पर्चा लीक हुआ था या फिर ओएमआर शीट में कोई टेंपरिंग की गई थी।विधानसभा सत्र के चलते जांच एजेंसी की तरफ से भी कोई बयान सामने नहीं आया है।
मामले में क्या कोई गिरफ्तारी हुई है, कितने आरोपी इसमें नामजद किए गए हैं यह भी स्पष्ट नहीं है। पोस्ट कोड 826 के तहत जूनियर इंजीनियर (सिविल) की भर्ती प्रक्रिया वर्ष 2021 में पूरी हो चुकी है। पास हो चुके अभ्यर्थी विभाग में अपनी सेवाएं भी दे रहे हैं। दो साल से विजिलेंस पेपर लीक मामले में जांच में जुटी है। अब भर्ती की परीक्षा में भी गड़बड़ी के ठोस सबूत जांच एजेंसी को मिले हैं। भंग हो चुके आयोग में पोस्ट कोड 826 के तहत जूनियर इंजीनियर के 39 पदों को भरने के लिए सितंबर 2020 में आवेदन मांगे थे। 39 पदों के लिए 10529 अभ्यार्थियों ने आवेदन किया था। 9301 आवेदन ही सही पाए गए। 11 अप्रैल 2021 को आयोजित लिखित परीक्षा में 5632 अभ्यार्थियों ने भाग लिया।
लिखित परीक्षा में 5632 अभ्यार्थियों में से 121 ही पास हो पाए थे। आयोग ने 11 अप्रैल 2021 को लिखित परीक्षा और 8 सितंबर 2021 को पंद्रह अंकों की मूल्यांकन परीक्षा आयोजित की थी।पेपर लीक मामले में दर्ज 16 एफआईआर में तीन दर्जन के करीब लोगों को नामजद किया गया है। अधिकतर मामलों में आयोग के सचिव, सीनियर असीस्टेंट, चपरासी और ड्राइवर समेत कई अभ्यर्थियों के नाम हैं। ऐसे में ताजा एफआईआर में कर्मचारियों और अभ्यर्थियों के नामजद किए जाने की संभावना है।
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