राज्यपाल के अभिभाषण से बजट सत्र की शुरुआत, विपक्ष बोला झूठा दस्तावेज सरकार ने किया पेश, 2 साल के बाद भी सरकार के पास बताने के नहीं कोई उपलब्धि, सीएम सुक्खू बोले प्रदेश को आर्थिक दुर्दशा पूर्व सरकार की देन, कांग्रेस सरकार ने व्यवस्था परिवर्तन के ज़रिए किया नीतिगत बदलाव।

शिमला, सुरेन्द्र राणा; हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र का आगाज राज्यपाल के अभिभाषण से हुआ।52 पेज के अभिभाषण को विपक्ष ने झूठा दस्तावेज करार दिया है और कहा है कि सरकार के पास दो साल के कार्यकाल के बाद भी बताने के लिए कुछ भी नहीं है। सरकारराज्यपाल के अभिभाषण के माध्यम से भी झूठ बोल रही है जबकि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की भाजपा राज में दुर्दशा हुई है जिसमें वर्तमान सरकार सुधार कर रही है और 2027 तक हिमाचल को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कांग्रेस सरकार काम कर रही है।

नेता विपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सुक्खू सरकार के पास केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित योजनाओं के साथ-साथ पूर्व सरकार द्वारा किए गए काम ही हैं जिसके बारे में वह बात कर सकती है। इसके बाद भी केंद्र सरकार के प्रति आभार का एक शब्द भी नहीं बोलता है उल्टा सहयोग न देने का ही आरोप लगाती है। प्रदेश में बुर्जुगों को मिलने वाली वृद्धा पेंशन भी छह महीनें से नहीं आई है। प्रदेश में आज तक ऐसा नहीं हुआ है। बजट अभिभाषण में ऐसे–ऐसे दावे किए गए कि जिसे सुनकर मैं भी चौंक गया। सरकार कहती है कि प्रदेश में 69 स्वास्थ्य संस्थाओं को आदर्श चिकित्सा संस्थान बना दिए गए हैं और उसमें विशेषज्ञों की टीम के साथ अत्याधुनिक एमआरआई मशीनें भी लगाई गई है। मैं भी एक विधानसभा क्षेत्र से विधायक हूं मुझे तो अपने विधानसभा क्षेत्र में ऐसा कोई संस्थान नजर नहीं आया। हमारे बाकी भी विधायक है सबका यही कहना है। मुख्यमंत्री झूठ पर झूठ बोल रहे हैं और दस्तावेज में सच्चाई को छुपाया गया है। प्रदेश में निराशाजनक माहौल बना है हर वर्ग सरकार से दुखी है। मुख्यमंत्री केवल सरकार बचाकर खुश हैं।

वहीं मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि बजट सत्र की शुरुआत राज्यपाल के अभिभाषण के साथ हुई है। अभिभाषण में सरकार के व्यवस्था द्वारा की गई नीतिगत बदलावों को प्रस्तुत किया गया है। सत्ता संभालने के वक्त प्रदेश में न तो क्वालिटी एजुकेशन थी न क्वालिटी हेल्थ सिस्टम था।शिक्षा क्षेत्र में हिमाचल 21वें स्थान पर था नीतिगत परिवर्तन से पहले स्थान पर लाया गया। CM सुक्खू ने भाजपा पर प्रदेश सरकार को आर्थिक दुर्दशा में छोड़कर जाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश पर 75,000 करोड़ का कर्ज था 10,000 करोड़ की देनदारियां।जीएसटी लागू होने से प्रदेश के राजस्व को नुकसान हुआ है।जीएसटी लागू होने के बाद से अब तक कंपनसेशन मिला है लेकिन आने वाले समय में प्रदेश को रेवेन्यू का भारी नुकसान झेलना पड़ेगा।हिमाचल प्रदेश केंद्र से खैरात नहीं मांग रहा है संविधान के अनुसार यह राज्य का हक है। आपदा कहां कंपनसेशन प्रदेश सरकार को अब तक नहीं मिला है।मंदिरों से सरकारी योजनाओं के लिए अंशदान मांगने के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने विपक्ष को जवाब दिया है।

CM ने कहा कि मंदिरों में जनहित योजनाएं चलाने के लिए बनी होती है। कोविड काल में पूर्व जयराम सरकार ने कोरोना फंड के नाम पर मंदिरों से 28 करोड़ लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर भाजपा मंदिरों से पैसा ले तो वह पुण्य है और सरकार ले तो पाप।मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी योजनाओं के लिए पूरा बजट का प्रावधान किया गया है।

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours