शिमला, सुरेन्द्र राणा: हिमाचल प्रदेश में बनी दवाओ के सेंपल फेल हो रहे हैं। लोगों की जान से खिलवाड़ करने वाली इन कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने का दावा हर बार किया जाता है लेकिन दवाओं के सैंपल फेल होने का सिलसिला थम नहीं रहा है।
हिमाचल में तैयार 26 समेत देश की 145 दवाओं के सैंपल फेल हो गए हैं। जनवरी के ड्रग अलर्ट में इसका खुलासा हुआ है। हिमाचल में सीडीएसओसी के तहत 11, जबकि राज्य प्रयोगशाला की ओर से लिए 15 दवाओं के सैंपल मानकों पर सही नहीं उतरे हैं। सोलन की 19 दवाओं के सैंपल सही नहीं पाए गए, जबकि कांगड़ा की एक व सिरमौर की 6 दवाएं मानकों पर सही नहीं पाई गई हैं।
9 दवाओं के सैंपल सही नहीं पाए गए, जबकि कांगड़ा की एक व सिरमौर की 6 दवाएं मानकों पर सही नहीं पाई गई हैं।Trending Videosयह वीडियो/विज्ञापन हटाएंहिमाचल के सुबाथू की जेएम लैब का एक, झाड़माजरी के कैपटेब के दो, पांवटा की जी लैब, मलकू माजरा की मर्टिन एंड ब्राउन, सोलन के लोहरन स्थित सानो सीटो, झाड़माजरी की लाइफ विजन, सिरमौर के कालाअंब के सिसटोल रेमीडीज, कालाअंब की प्रीमस व बद्दी विगड नोवीटास कंपनी के सैंपल सही नहीं पाए गए हैं। सोलन के कालूझिंडा स्थित मेरिन मेडीकोज, बद्दी की विगस बायोटेक, सोलन की वाट्स बोयोटेक, परवाणू की जीआर एस फार्मास्यूटिकल, कांगड़ा की जेक्सन लैब, शामली सोलन के अलूप मेड साइंस, पांवटा की ननज मेड साइंस की दो, झाड़माजरी की सीबी लाइफ साइंस कंपनी, परवाणू की मेक्सवेल, सिरमौर के मोगीनंद की इंडेक्स बायोटेक, सोलन की ग्लेनमार्क, बद्दी के कालूझिंडा की पार्क फार्मास्युटिकल, बद्दी के किशनपुरा के एलबेटा फार्मा व चंबाघाट सोलन की मेयर लैब कंपनी के सैंपल सही नहीं पाए गए हैं।
राज्य दवा नियंत्रक मनीष कपूर ने बताया कि जिन कंपनियों के सैंपल फेल हुए हैं, उनके लाइसेंस रद्द कर दिए जाएंगे। बाजार से स्टाॅक को वापस लाने को कहा जाएगा।
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