शिमला, सुरेंद्र राणा: राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय घन्डल शिमला से विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा 64 दैनिक भोगी कर्मचारियों को गैर कानूनी तरीके से नौकरी से निकालने व उच्च न्यायालय हिमाचल प्रदेश के नई भर्तियों पर रोक लगाने के आदेश की अवमानना करके आउटसोर्स पर नई भर्तियों करने के खिलाफ सीटू के बैनर तले कर्मचारियों ने राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय घन्डल शिमला परिसर के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारियों ने विश्वविद्यालय प्रशासन के व्यवहार को तानाशाही करार दिया है। प्रदर्शन में सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने कहा कि छात्रों को कानून की पढ़ाई करवाने वाले विधि विश्वविद्यालय में सरेआम कानून का गला घोंटा जा रहा है। मजदूरों को हायर एंड फायर नीति के तहत गैर कानूनी तरीके से नौकरी से निकालना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। ये कर्मचारी पिछले कई वर्षों से सफाई, सुरक्षा, हॉस्टल अटेंडेंट, ड्राइवर, कारपेंटर, इलेक्ट्रीशियन, पलंबर सहित तकनीकी कर्मी के रूप में विश्वविद्यालय में कार्यरत थे। इन मजदूरों को केंद्र सरकार का न्यूनतम वेतन भी नहीं दिया जा रहा था। इनसे बारह घंटे तक कार्य करवाया जाता था व इन्हें इसके बदले कभी भी डबल ओवरटाइम वेतन का भुगतान नहीं किया गया। इनसे अपनी श्रेणी के अलावा बिना वेतन के कई तरह के अतिरिक्त कार्य करवाए जाते थे। कर्मचारियों की कम संख्या के कारण इनसे ज्यादा कार्य करवाया जाता था।
इनसे अपनी श्रेणी के अलावा अतिरिक्त कार्य करवाने पर इन्हें कभी भी अतिरिक्त वेतन का भुगतान नहीं किया गया। इन कर्मचारियों का भारी शोषण हो रहा था। उन्होंने मांग की है कि राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय से नौकरी से निकाले गए 43 कर्मचारियों को तुरंत बहाल किया जाए। कर्मचारियों को 90 दिन बाद ब्रेक देना बंद किया जाए। दैनिक भोगी कर्मचारियों को तुरंत रेगुलर किया जाए। कर्मचारियों की गैर कानूनी छंटनी बंद की जाए। राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय में हायर एंड फायर की नीति बंद की जाए। विधि विश्वविद्यालय में श्रम कानून लागू किए जाएं।
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