करूणामूलक आश्रित परिवारो ने मिशन सपीड पोस्ट का किया आग़ाज़

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शिमला, सुरेंद्र राणा: पिछले 15 से 20 बर्षो से करुणामुलक नौकरियां का इंतजार कर रहे करुणामूलक परिवारो द्वारा प्रदेश सरकार को अपनी मांगों को पहूँचाने के लिए एक बार से “मिशन स्पीड पोस्ट” अभियान शुरू कर दिया है।

प्रदेशाध्यक्ष अजय कुमार के नेतृत्व में प्रदेश के तमाम करूणामूलक आश्रितों ने स्पीड पोस्ट के माध्यम से मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को अपना मांगपत्र भेजना शुरू कर दिया है। और साथ ही में मुख्यमंत्री द्वारा करुणा मुल्क सब कमेटी का गठन किया गया है तमाम उन नेताओं ब मुख्य सचिव और वित सचिव को पत्र के माध्यम से अपनी मांगों से अवगत करवा रहे हैं।

अध्यक्ष का कहना है कि हिमाचल प्रदेश सरकार करूणामूलक आश्रितों के लिए विषेश बजट का प्रावधान कर करुणामूलक नौकरियों को बहाल करे , आय सीमा मे संशोधन करे और 22 सितम्बर 2022 को पूर्व सरकार को निकाली गई अधिसूचना जिसमे लिखा गया है कि जो मामले वित विभाग मै अस्वीकृत किये गये हैं उनको दोबारा स्वीकार नहीं किया जाएगा। इस अधिसूचना को पूर्ण रूप से रद्द किया जाए। जिन विभागों बोर्ड निगमो ब यूनिवर्सिटी में खाली पद नहीं है उन केसों के लिए पॉलिसी में प्रावधान करके अन्य विभागो में शिफ्ट करके इन परिवारों को नौकरियों का प्रावधान किया जाए !!

प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार का कहना है कि करूणामूलक आधार पर नौकरियों का इन्तजार करते हुए 15 से 20 साल हो चुके हैं !
परन्तु अभी भी हम करूणामूलक आश्रितों को सरकार अनेदखा कर रही है। कुछ करूणामूलक आश्रित तो नौकरी का इन्तजार करते हुए खुद मृत्यु को प्राप्त हो गये हैं।

बहुत सारे करूणामूलक आश्रितों की आयु अब 45 वर्ष हो रही है पता नहीं इन करूणामूलक आश्रितों का दर्द हिमाचल प्रदेश सरकार को क्यों नज़र नहीं आ रहा है। आखिर कब तक सरकार इन दीन, असहाय परिवारों को रोजगार के रूप में न्याय दिलाएगी।

20 वर्षों से अधिक ये परिवार दर बदर भटक रहें हैं, वर्तमान हिमाचल प्रदेश सरकार मे उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री जी हमारे साथ वादाखिलाफी कर रहे हैं। अब इन्होंने ऐसा मौन धारण कर लिया है कि करूणामूलक आश्रितों पर इनको किसी भी प्रकार की करूणा नज़र ही नहीं आ रही है।
चुनाबो के समय तमाम नेताओं द्वारा इन परिवारों को 6 महीने में नौकरियां देने का वादा किया गया था लेकिन अब यह परिवार खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं ।अध्यक्ष का कहना है कि सरकार बजट में इन करुणामूलक परिवारों के लिए विशेष प्रावधान करें पॉलिसी में संशोधन करें

मुख्य मांगे
1) आगामी कैबिनेट में 7/03/2019 पॉलिसी संशोधन किया जाए जिसमें 62500 एक सदस्य सालाना आय शर्त को पूर्णतया हटा दिया जाए और सालाना आय सीमा को 2.50 लाख से उठाकर ज्यादा से ज्यादा बढ़ाया जाए |
2) वित्त विभाग के द्वारा रिजेक्ट केसों को दोबारा कंसीडर न करने की नोटिफिकेशन जो 22 सितंबर 2022 को हुई थी उस नोटिफिकेशन को तुरंत प्रभाव से रद्द किया जाए और रिजेक्ट केसों को द्वारा कंसीडर करने की नोटिफिकेशन जल्द की जाए |
3) करुणामूलक भर्तियों में जो 5% कोटे की शर्त जो लगी हुई है उसे हटाया जाए ताकि one time relaxation के आधार पर एक साथ नियुक्तियां हो सके और जिन विभागों बोर्डों और निगमों और यूनिवर्सिटी में खाली पोस्टें नहीं है उन केसों को शिफ्ट करके किसी अन्य विभाग में नौकरियां दी जाए |
4) शैक्षणिक योग्यता के अनुसार सभी श्रेणियों (Techanical + Non Techanical) के सभी पदों में नौकरियां दी जाए ताकि किसी एक पद पर बोझ न पड़े |

पॉलिसी में संशोधन हो जाए उसके तुरंत बाद बिना किसी भेदभाव के मृतक कर्मचारी की मृत्यु तिथि की वरिष्ठता के आधार पर नौकरियां दी जाए ताकि किसी भी परिवार के साथ किसी तरीके का भेदभाव न हो क्योंकि सभी परिवारों ने अपने परिवार के कमाने वाले मृतक कर्मचारी/मुखिया को खोया है |

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