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शिमला, सुरेन्द्र राणा : शिमला से जारी बयान में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि इंडी ब्लॉक के नेताओं को सनातन के साथ न जाने क्या चिढ़ है कि वह हमेशा सनातन का अपमान करना चाहते हैं। महाकुंभ के आरंभ से लेकर अब तक इंडी ब्लॉक के ज्यादातर नेताओं ने अपनी मंशा जाहिर कर दी है, कुंभ को लेकर इंडी ब्लॉक के नेताओं ने अपने भीतर का ज़हर ही उगला है। जैसे-जैसे महाकुंभ में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही है वैसे-वैसे इंडी ब्लॉक के नेताओं की हताशा बढ़ती जा रही है और उनकी वोट बैंक के चक्कर में सनातन की परंपराओं का अपमान करने की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है। इंडी ब्लॉक के नेताओं के विरोध के बाद भी महाकुंभ में हर दिन श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही है। आंकड़ों के मुताबिक कुंभ में अब तक 55 करोड़ से ज्यादा लोग स्नान कर चुके हैं यह आंकड़ा अभी और भी बढ़ने वाला है।
महाकुंभ के सफल आयोजन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सफल महाकुंभ के आयोजन की बधाई एवं समस्त देशवासियों को शुभकामनाएं।
जयराम ठाकुर ने कहा महाकुंभ का यह संयोग 144 सालों बाद बना है। महाकुंभ में देश ही नहीं दुनिया के कोने कोने से लोग आ रहे हैं। सिर्फ अध्यात्म ही नहीं, शिक्षा, चिकित्सा, विज्ञान, तकनीकी, कला, संस्कृति, व्यवसाय जगत के दिग्गजों ने कुंभ में स्नान किया और कुंभ की महिमा का बखान करने के साथ साथ दुनिया भर के लोगों से कुंभ आने और वहाँ की नैसर्गिकता का पुण्यलाभ लेने की अपील कर रहे हैं लेकिन भारत की जनता द्वारा आए दिन हर चुनाव में नकारे जा रहे इंडी गठबंधन के नेता सनातन के विरोध को अपना काम समझ रहे है।
सनातन के विरोध में कांग्रेस के नेता सामान्य तर्कों और आंकड़ों को भी झुठलाते हैं। देश के लोगों द्वारा नकारे जाने से कांग्रेस की कुंठा सामने आ रही है। जयराम ठाकुर ने कहा कि अब तक 55 करोड़ लोग संगम में डुबकी लगा चुके हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा बताया गया है कि कुंभ की वजह से उत्तर प्रदेश की जीडीपी में ही साढ़े तीन लाख करोड़ रुपए का इजाफा हो रहा है। आस-पास के राज्यों के लोगों को लाभ हो रहा है।
सनातन की यह महिमा कांग्रेस समेत इंडी गठबंधन को रास नहीं आ रही है इसलिए वह हताशा में बयान दे रहे हैं। कांग्रेस समेत समस्त इंडी ब्लॉक के नेताओं से निवेदन है कि देश की भावना समझें, सनातन के प्रति अपना नज़रिया बदले और सनातन का सम्मान करना सीखें।
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