धर्मशाला,अभय। नगर निगम धर्मशाला में वर्ष 2016 में मर्ज किए गए क्षेत्रों के लोगों को वर्ष 2020 के बाद से अब तक करीब पांच साल का संपत्ति कर चुकाना पड़ेगा। नगर निगम में शामिल होने के बाद मर्ज एरिया के लोगों को केवल तीन साल की छूट दी गई थी। अब नगर निगम क्षेत्र में संपत्ति के मूल्यांकन की प्रक्रिया पूरी होने के साथ ही नए नियमों के तहत टैक्स वसूलने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। हालांकि 2019 तक टैक्स में छूट की समय सीमा पूरी होने के बाद प्रॉपर्टी टैक्स में माफी की कोई अलग से अधिसूचना सरकार की तरफ से जारी नहीं की गई है। ऐसे में साफ है कि नगर निगम के मर्ज एरिया के लोगों काे पिछले पांच साल का कर भी चुकाना होगा।
हालांकि मर्ज एरिया के पार्षद कई बार इस मुद्दे को उठा चुके हैं कि जब तक मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल जातीं, तब तक टैक्स न लिया जाए। लेकिन वर्ष, 2024 के वार्षिक बजट में अधिकारियों और मेयर ने साफ तौर पर कहा था कि तीन साल का समय पूरा होने से बाद मर्ज एरिया में हर किसी को प्रॉपर्टी टैक्स देना ही पड़ेगा।
वर्ष 2015 में नगर परिषद धर्मशाला को नगर निगम धर्मशाला का दर्जा दिया गया था तो विभिन्न मापदंडों को पूरा करने के लिए तत्कालीन नगर परिषद के साथ लगती सात पंचायतों को नगर निगम क्षेत्र में शामिल किया था। इस तरह नगर निगम में रामनगर, शामनगर, सकोह, दाड़ी, खनियारा, कंड और सिद्धबाड़ी क्षेत्र मर्ज किए थे। मर्ज एरिया में पहले दो वर्ष के लिए संपत्ति कर में छूट दी गई थी। इसके बाद यह छूट एक वर्ष और बढ़ा दी गई। साथ ही वर्ष 2019 के बाद नगर निगम क्षेत्र में शामिल की गई नई पंचायतों को भी कर देना पड़ेगा।संपत्ति का सर्वे पूरा होने के बाद नगर निगम को सभी संपत्तियों की जानकारी होगी। इसके बाद एरिया फैक्टर से हिसाब से हर किसी को संपत्ति कर देना ही पड़ेगा। तीन साल की छूट का समय पूरा होने के बाद से टैक्स लिया जाएगा। हालांकि धर्मशाला नगर निगम में कर की दरें अन्य निगमों से काफी कम हैं।- जफर इकबाल, आयुक्त, नगर निगम धर्मशाला
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