देहरा, काजल: जसवां परागपुर के विधायक और पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर ने बीडीओ रिश्वत मामले को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने इस पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए कहा कि इसमें केवल एक अधिकारी नहीं, बल्कि कई लोग शामिल हो सकते हैं।
डीसी कांगड़ा और बीडीओ की भूमिका संदिग्ध
बिक्रम ठाकुर ने सवाल उठाया कि क्या डीसी कांगड़ा और बीडीओ परागपुर मिले हुए हैं? उन्होंने कहा कि विकास कार्यों के लिए डीसी कांगड़ा से पैसा जारी होता है और जब तीसरी किस्त आती है, तब रिश्वत की मांग की जाती है। उन्होंने आरोप लगाया कि रिश्वत केवल बीजेपी समर्थित प्रधानों से मांगी जा रही है, जबकि कांग्रेस समर्थित प्रधानों को कोई दिक्कत नहीं हो रही। यह दर्शाता है कि पूरी योजना राजनीतिक लाभ उठाने के लिए बनाई गई है। बिक्रम ठाकुर ने बीडीओ परागपुर की नियुक्ति पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि “जिस अधिकारी की रिटायरमेंट केवल तीन महीने बाद हो, उसे हरोली से परागपुर क्यों भेजा गया?” उन्होंने आरोप लगाया कि बीडीओ कांग्रेस के इशारे पर काम कर रहे थे और अब डीसी कांगड़ा हेमराज बेरवा पर भी यही आरोप लगाया जा सकता है।
मुख्यमंत्री से सख्त कार्रवाई की अपील
उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से अपील की कि भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ तुरंत कड़ी कार्रवाई की जाए। उन्होंने दावा किया कि कई अन्य अधिकारी भी रडार पर हैं और जल्द ही उन पर भी कार्रवाई होगी। बिक्रम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में भ्रष्टाचार बढ़ता जा रहा है, खासकर जिला ऊना में जबरन वसूली और पैसों के लेन-देन की घटनाएं आम हो गई हैं। उन्होंने सरकार से मांग की कि पूरे प्रदेश में भ्रष्टाचार पर सख्त रोक लगाई जाए।
कांग्रेस नेताओं पर भी निशाना
उन्होंने सवाल किया कि स्थानीय कांग्रेस नेता दोषियों के वकील क्यों बन रहे हैं? उन्होंने कहा कि उन्होंने पहले भी बीडीओ परागपुर को चेताया था, लेकिन अब कांग्रेस की संलिप्तता भी साफ नजर आ रही है। बिक्रम ठाकुर ने दिल्ली चुनावों व नगर निकायों में बीजेपी की जीत का जिक्र करते हुए कहा कि “देश कांग्रेस मुक्त हो रहा है। जनता कांग्रेस को उसकी असली स्थिति दिखा रही है। आने वाले समय में कांग्रेस शासित राज्यों में भी पार्टी का सफाया होगा।”
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