शिमला, सुरेन्द्र राणा: हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने राज्यपाल के रूप में दो वर्ष पूरे होने पर राजभवन में कॉफी टेबल बुक लॉन्च की और कहा कि दो वर्ष में उन्होंने संवैधानिक मर्यादाओं व पद की गरिमा में रहकर कार्य किया है। जब वे राज्यपाल बने तो पीएम मोदी ने नशे के खिलाफ काम करने के निर्देश दिए थे जिसके बाद हिमाचल में बढ़ते नशे के खिलाफ अभियान छेड़ा गया है और सभी लोगों को बिना राजनीति किए इसे आंदोलन के रूप में अपनाना होगा तभी देव भूमि नशे के दलदल से बाहर निकलेगी।
राज्यपाल ने कहा कि हिमाचल उन्हें अब अपने घर की तरह लगने लगा है। प्रधानमंत्री ने मुझे संवैधानिक दायित्व का पालन करने और देव भूमि की नशे के कारण खंडित हो रही परंपरा के लिए काम करने को कहा हैं। प्रदेश में नशे के खिलाफ काम करने की शुरुआत की और पंचायती राज संस्थाओं और शिक्षण संस्थानों में नशे के खिलाफ मुहिम छेड़ी है। नशे के खिलाफ अब सरकार और पंचायतों ने भी काम करना शुरू किया है। ये मुहिम अब आंदोलन का रूप लेगा इसमें सभी का सहयोग जरूरी हैं। जब तक डिमांड खत्म नहीं होगी तब तक नशा समाप्त नहीं हो सकता। राज्यपाल ने कहा कि नशे के विरुद्ध काम में राजनीति नहीं होनी चाहिए। हिमाचल बचाओ नशा भगाओ अभियान चलाकर सभी को इसके खिलाफ काम करना चाहिए।बाइट,,,शिव प्रताप शुक्ल राज्यपाल हिमाचल।
वहीं केंद्र के सहयोग के सवाल पर राज्यपाल ने कहा कि राज्य सरकार को अपने अंशदान पर ध्यान देना चाहिए। केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिए 250 करोड़ आए हैं लेकिन निर्माण नहीं हो पाया है। पहाड़ी राज्यों के लिए 80 फीसदी बजट केंद्र से आता है 20 फीसदी राज्यों को खुद संसाधन जुटाना होता है ऐसे में केंद्र से सहयोग और मिलकर अपनी बात रखनी चाहिए। आपदा के दौरान हुए नुकसान पर केंद्र के सहयोग न मिलने के आरोपों पर राज्यपाल ने कहा कि केंद्र सरकार की टीम और राज्य सरकार का आंकलन अलग अलग था फिर भी सरकार को अपनी बात केंद्र के समक्ष रखनी चाहिए। केंद्र से तालमेल बनाकर ही प्रदेश आगे बढ़ सकता हैं।
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