बिजली महापंचायत में भाषण देने वाला संघ पदाधिकारी सहायक लाइनमैन निलंबित

1 min read

बिजली बोर्ड मंडल नादौन के तहत रंगस में तैनात सहायक लाइनमैन नितीश भारद्वाज को निलंबित किया गया है। निलंबन आदेश बिजली बोर्ड मंडल नादौन के अधिशाषी अभियंता की ओर से जारी किए गए हैं। कर्मचारी को सीधे बिना नोटिस के निलंबित करने पर विद्युत बोर्ड कर्मचारी, इंजीनियर और पेंशनर्स की संयुक्त संघर्ष समिति ने सवाल उठाए हैं और इन आदेशों को वापस लेने की मांग उठाई है। निलंबन आदेशों में निलंबन के कारणों का जिक्र नहीं किया है। हालांकि, अधिकारियों की ओर से भर्ती नियमों की अवहेलना का हवाला दिया गया है।

बीते 11 फरवरी को हमीरपुर में आयोजित महापंचायत के दो दिन बाद यह आदेश जारी हुए हैं। निलंबित किए गए सहायक लाइनमैन विद्युत बोर्ड कर्मचारी यूनियन इकाई नादौन के अध्यक्ष व प्रदेश कार्यालय सचिव है। महापंचायत में नितीश की ओर से बोर्ड की नीतियों पर सवाल उठाते हुए पदों को खत्म करने का विरोध जताया था और नए भर्तियां किए जाने सहित संघर्ष समिति की ओर से तय मांगों को उठाया था। उन्होंने महापंचायत में भाषण भी दिया था। निलंबन के बाद कर्मचारी को नादौन कार्यालय में अटैच किया गया है। वहीं संघर्ष समिति के प्रदेश सह समन्वयक हीरालाल ने मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू से निलंबन को वापस लिए जाने की मांग उठाई है।

निलंबन से पहले उन्हें कोई नोटिस नहीं मिला है। निलंबन के आदेश शुक्रवार को प्राप्त हुए है। –नितीश भारद्वाज, सहायक लाइनमैन

भर्ती और सेवा नियमों के विपरित व्यवहार करने पर कर्मचारी को निलंबित किया गया है। मामले में नियमों के तहत जांच कर आगामी कार्रवाई की जाएगी।-कर्णवीर सिहं पटियाल, अधिशाषी अभियंता, बिजली बोर्ड मंडल नादौनतानाशाही से जारी निलंबन आदेश को वापस ले बोर्ड और सरकार:संघ विद्युत बोर्ड पेंशनर्स फोरम के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष कुलदीप सिंह खरवाड़ा, हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड कर्मचारी यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष कामेश्वर दत्त शर्मा व पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डीएस डटवालिया ने जारी एक प्रेस बयान में कर्मचारी के निलंबन को अलोकतांत्रिक करार दिया है। उन्होंने कहा कि बोर्ड की ओर से तानाशाही पूर्ण तरीके से जारी किया गया ये निलंबन आदेश कर्मचारियों की आवाज को दबाने का प्रयास है। सभी प्रतिनिधियों ने इस निलंबन आदेश का पुरजोर विरोध किया है और इसे तुरंत वापस लेने की मांग की है। कुलदीप सिंह खरवाड़ा ने कहा युक्तिकरण के नाम पर पदों को समाप्त कर सरप्लस पूल में डालने का मतलब कर्मचारियों के लिए भविष्य में पदोन्नति के दरवाजे बंद करना है और इस तरह के एकतरफा कार्रवाही से बोर्ड की कार्यप्रणाली भी निश्चित रूप से प्रभावित होगी।

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours