शिमला, सुरेन्द्र राणा: शिमला जिले के निजी स्कूलों में अब टेट (शिक्षक पात्रता परीक्षा) पास शिक्षक ही रखने होंगे। इसमें कोताही बरतने वाले स्कूलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह आदेश उपनिदेशक प्रारंभिक शिक्षा ने जारी किए हैं। नए शैक्षणिक सत्र में शिक्षा विभाग गुणवत्ता लाने के मकसद से यह आदेश जारी किए हैं।
स्कूल में टेट पास शिक्षक रखे हैं या नहीं यह सुनिश्चित करने के लिए विभाग कभी भी किसी भी स्कूल का औचक दौरा कर शिक्षकों की शैक्षणिक योग्यता की जांच कर सकता है। यदि निजी स्कूलों में बिना टेट पास शिक्षक रखे जाने का मामला सामने आएगा तो ऐसे स्कूलों के खिलाफ विभाग कार्रवाई अमल में लाएगा। इसलिए सभी स्कूलों को अब पढ़ाने के लिए टेट पास शिक्षक ही रखने होंगे।
उपनिदेशक प्रारंभिक शिक्षा नीशा भलूनी ने आदेशों में साफ किया है कि यह शिक्षा का अधिकार एक्ट 2009 के तहत अनिवार्य किया है। इसको लेकर नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजूकेशन ने भी अधिसूचना जारी की है। पहली से आठवीं कक्षाओं को पढ़ाने वाले शिक्षकों का टेट पास होना जरूरी किया है। उन्होंने चेताया कि निरीक्षण के दौरान अयोग्य शिक्षक पढ़ाने का कार्य करते हुए पाए गए तो ऐसे स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
फरवरी में उपलब्ध करवाई जाएगी किताबें
उपनिदेशक प्रारंभिक शिक्षा कार्यालय ने सरकारी स्कूलों में फरवरी माह में ही छात्रों को निशुल्क दी जाने वाली किताबें स्कूलों में उपलब्ध करवाने के लिए कसरत शुरू कर दी है। इसके लिए पहली से पांचवीं कक्षा तक की किताबों को डिपो से स्कूल तक पहुंचाने की जिम्मेदारी बीईईओ की रहेगी जबकि छठी से दसवीं तक की पुस्तकों को स्कूल पहुंचाने की जिम्मेदारी बीपीओ की होगी।
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