बिजली बोर्ड ने सुक्खू सरकार के खिलाफ बनाया निर्णायक लड़ाई का मन, दे डाली बड़े आंदोलन की चेतावनी

शिमला, सुरेंद्र राणा: हिमाचल प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड कर्मचारी और अभियंता के जॉइंट फ्रंट ने अपने कमेटी को और विस्तार देते हुए अब हिमाचल प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड कर्मचारी, अभियंता और पेंशनर्ज की जॉइंट एक्शन कमेटी का गठन किया है. नए गठन के बाद हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड ने राज्य सरकार के खिलाफ निर्णायक लड़ाई का मन बना लिया है. ज्वाइंट फ्रंट ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकर को बड़े आंदोलन की भी चेतावनी दी है.

ज्वाइंट फ्रंट के सह संयोजक हीरा लाल वर्मा ने शिमला में कहा कि राज्य सरकार बिजली बोर्ड पर प्रयोग करने में लगी हुई है. कभी सब कमेटी बिजली बोर्ड पर प्रयोग करती है, तो कभी राज्य सरकार कमरे में बैठकर ही बिजली बोर्ड के लिए नीति बना लेती है. उन्होंने कहा कि अब बिजली बोर्ड को रेशनलाइजेशन के नाम पर खत्म करने का काम किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि कर्मचारी रेशनलाइजेशन के विरोध में नहीं है, बल्कि वे चाहते हैं कि सभी के साथ बैठकर इसका फैसला हो. उन्होंने कहा कि कमरे में बैठकर इस तरह के फैसले नहीं लिए जा सकते. हीरालाल वर्मा ने कहा कि बिजली बोर्ड हिमाचल प्रदेश के करीब 30 लाख उपभोक्ताओं को सेवाएं देता है. ऐसे में अगर बिजली बोर्ड के साथ छेड़छाड़ की जाएगी, तो इससे आम लोग भी परेशान होंगे.

सह संयोजक हीरा लाल वर्मा ने कहा कि हाल ही में बिजली बोर्ड के 700 पदों को खत्म किया गया है. मुख्यमंत्री की ओर से भी इसकी अनुमति दे दी गई है. उन्होंने कहा कि बिजली बोर्ड को बैक गियर में डाल दिया गया है. इससे कर्मचारियों का भी मनोबल गिर रहा है. उन्होंने कहा कि कर्मचारी और पेंशनर बिजली बोर्ड से छेड़छाड़ सहन नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि आज राज्य सरकार के खिलाफ कर्मचारी और पेंशनर में रोष है.

उन्होंने कहा कि बिजली बोर्ड में नई भर्ती नहीं की जा रही है. राज्य सरकार कोशिश कर रही है कि यहां आउटसोर्स के आधार पर ही हो. हीरालाल वर्मा ने कहा कि बिजली बोर्ड को नुकसान में दिखाने की कोशिश की जा रही है, जबकि बिजली बोर्ड नुकसान में नहीं है. उन्होंने कहा कि 178 करोड़ रुपए अलग-अलग सरकारी महाकों की ओर से बिजली बोर्ड को भुगतान किया जाना है. यह बिजली के बिल का भुगतान है.

उन्होंने कहा कि इसी तरह बिजली बोर्ड को मिलने वाली सब्सिडी का भी वक्त पर भुगतान नहीं हो रहा है. उन्होंने कहा कि इसकी वजह से कर्मचारी और पेंशनर परेशान हो रहे हैं. आने वाले वक्त में ज्वाइंट फ्रंट बड़े आंदोलन से पीछे नहीं हटेगा. उन्होंने कहा कि अगर पेंशनर सड़क पर नहीं उतर सकता, तो उनके परिवार के लोग सड़कों पर उतरेंगे और बिजली बोर्ड के कर्मचारी भी राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे. उन्होंने कहा कि वह सरकार की ओर से किया जा रहा है अन्याय नहीं सहेंगे.

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours