नई दिल्ली: वक्फ (संशोधन) विधेयक की समीक्षा के लिए गठित संसद की संयुक्त समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट सोमवार को लोकसभा में पेश की जाएगी। इससे ठीक एक दिन पहले रविवार को कांग्रेस सांसद और जेपीसी सदस्य सैयद नसीर हुसैन ने कमेटी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। नसीर हुसैन ने कहा कि मैंने रिपोर्ट में जिन बातों पर असहमति जताई थी, उन्हें बिना अनुमति एडिट कर दिया गया। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर हमें चुप कराने की कोशिश क्यों हो रही है? नसीर हुसैन के इस बयान के बाद विपक्षी दलों में नाराजगी देखी जा रही है। कांग्रेस सांसद सैयद नसीर हुसैन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने असहमति नोट और अंतिम रिपोर्ट के कुछ पेज शेयर किए हैं। नसीर हुसैन ने लिखा कि वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर जेपीसी सदस्य के रूप में मैंने इस बिल का विरोध करते हुए एक असहमति नोट सौंपा था, लेकिन यह चौंकाने वाली बात है कि नोट के कुछ हिस्से मेरी जानकारी के बिना एडिट कर दिए गए।
नसीर हुसैन ने कहा कि यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया का मजाक है।जेपीसी पहले ही एक दिखावा बन चुकी थी, लेकिन अब तो यह और भी नीचे गिर गई है। उधर, लोकसभा सचिवालय द्वारा जारी बुलेटिन में कहा गया है कि समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल और सदस्य संजय जायसवाल सोमवार को लोकसभा में रिपोर्ट पेश करेंगे। समिति ने गुरुवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिडला को रिपोर्ट सौंप दी थी।
समिति ने बहुमत से रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया था, जिसमें सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यों द्वारा सुझाए गए संशोधन शामिल किए गए थे, जिसके बाद विपक्ष ने इस प्रक्रिया को वक्फ बोर्डों को नष्ट करने का प्रयास करार दिया। वक्फ (संशोधन) विधेयक पर संसद की संयुक्त समिति ने मसौदा कानून पर रिपोर्ट को 15-11 बहुमत से अपनाया। विपक्षी सदस्यों ने रिपोर्ट पर असहमति जताई।
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