केंद्रीय बजट से हिमाचल को इस बार भी मिली निराशा, बजट में नहीं वर्तमान और भविष्य के लिए कोई योजना,किसान- बागवान, बेरोज़गार, गरीबी रेखा से नीचे के वर्ग में बजट में अनदेखी

शिमला, सुरेन्द्र राणा:केंद्र बजट को लेकर जहां मध्यम वर्ग खुश हैं तो वहीं हिमाचल प्रदेश सरकार में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने बजट को हिमाचल और देश के लिहाज से निराशाजनक करार दिया है। जगत सिंह नेगी ने कहा कि बजट में हिमाचल को हर बार की तरह झुनझुना ही मिला है।

बजट में पहाड़ी राज्यों की उपेक्षा हुई है केवल बिहार और आंध्र प्रदेश का बजट में विशेष ध्यान रखा गया है।पांच ट्रिलियन इकनॉमी की बात की जा रही है लेकिन से बजट देश को नीचे की तरफ ले जाएगा।जगत सिंह नेगी ने कहा कि कृषि क्षेत्र में कोई फोकस नहीं किया गया है। खाली राजनीतिक घोषणाएं हुई हैं।हिमाचल में रेलवे, हवाई अड्डे बनाने को लेकर कोई ऐलान नहीं हुआ है।

उद्योग, हाइड्रो प्रोजेक्ट्स में भी कोई बजट प्रावधान नहीं किया गया है। बजट में किसान, बेरोज़गार, गरीबी रेखा से नीचे के वर्ग के विकास के लिए कोई योजनाएं नहीं बनाई गई है। टैक्स स्लैब में मध्यम वर्ग को राहत दिल्ली के चुनावों के मद्देनजर दी गई है जो अगले साल वापिस ले ली जाएगी। दिल्ली को भाजपा जीतना चाहती है इसलिए टैक्स स्लैब में राहत देकर लोगों को गुमराह करने की केंद्रीय बजट में कोशिश हुई। देश के वर्तमान और भविष्य के लिए बजट में कोई योजना नहीं है बजट पूरी तरह से निराशाजनक है।

वहीं हिमाचल प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने भी बजट को अपेक्षाओं के विपरीत बताया है और कहा कि बजट राजनीतिक लाभ के मकसद से पेश किया गया है। हिमाचल को आपदा के विशेष राहत पैकेज की उम्मीद थी जो पूरी नहीं हुई। बिहार और आंध्र प्रदेश में ही बजट में फोकस किया गया है। किसान आंदोलन कर रहे हैं और बजट से किसानों को उम्मीदें थी लेकिन बजट से निराशा ही मिली है।

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