शिमला,सुरेन्द्र राणा: नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी घन्डल शिमला से नौकरी से निकाले गए 43 कर्मचारियों ने आज सीटू के बैनर तले उपायुक्त कार्यालय शिमला के बाहर धरना प्रदर्शन किया। इनका आरोप है कि यूनिवर्सिटी ने बिना किसी नोटिस के कानून के विरुद्ध पक्षपातपूर्ण तरीके से नौकरी से निकाला हैं।
सीटू के प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने कहा कि दैनिकभोगी को जहां पक्का करना चाहिए था उन्हें नौकरी से निकालना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि देश का कानून हैं कि यदि किसी को निकालना भी है तो उसे नोटिस देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि नौकरी से निकाले गए गरीब लोग हैं जो सफाई, सुरक्षा के साथ टैक्निकल कार्य करते हैं, इन्हीं लोगों ने लॉ यूनिवर्सिटी के लिए अपनी जमीनें भी दी है लेकिन आज इन्हें नौकरी से निकाला गया है। उन्होंने मांग की हैं कि प्रदेश और केंद्रीय श्रम विभाग सहित प्रदेश सरकार को मामले में हस्तक्षेप कर न्याय करना चाहिए।
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