शिमला, सुरेंद्र राणा: हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के ठियोग तहसील में हुए पानी के कथित गड़बड़झाले में विजिलेंस ब्यूरो ने एसडीएम ठियोग सहित 90 लोगों के बयान दर्ज किए हैं। विजिलेंस अधिकारियों की ओर से की गई पूछताछ में एसडीएम ने कहा है कि ठेकेदारों के जो बिल आए थे, उसके आधार पर ही पेमेंट की गई है।
जल शक्ति विभाग के इंजीनियरों ने बिलों को वेरिफाई किया था। बिलों में जल शक्ति विभाग के इंजीनियरों के हस्ताक्षर थे। अगले सप्ताह तक जांच रिपोर्ट डीजीपी विजिलेंस को सौंपी जाएगी।इसके बाद ही मामले में एफआईआर दर्ज हो सकती है। विजिलेंस की ओर से निलंबित इंजीनियरों और ठेकेदारों के बैंक खाते खंगाले जा रहे हैं। उधर, प्रदेश सरकार ने विजिलेंस को इस मामले में तह तक जाने की बात कही है।
विजिलेंस के अधिकारी दावा कर रहे हैं कि एक सप्ताह के भीतर मामले का खुलासा होंगे। उल्लेखनीय है कि पानी के गड़बड़झाले का मामला सामने आने के बाद जल शक्ति विभाग के 10 अफसरों को निलंबित कर दिया गया था।ठियोग तहसील में टैंकरों से पानी देने के नाम पर करीब 1.13 करोड़ रुपये का गड़बड़झाला हुआ है। ठियोग उपमंडल में पिछले वर्ष फरवरी से जून माह के दौरान सूखे के चलते पानी की आपूर्ति टैंकरों से करने का काम ठेके पर दिया गया।
आरोप है कि कई जगह पानी की आपूर्ति ही नहीं हुई और भुगतान कर दिया गया। आरोप यह भी है कि पेयजल आपूर्ति करने वाले टैंकरों के जो नंबर दिए गए, उनमें कई मोटरसाइकिल और अफसर की कार के भी हैं।कोटजो बिल उनके पास आए थे, उन्हें अपने कार्यालय और जल शक्ति विभाग के इंजीनियरों से वेरिफाई किया गया। वह खुद तो फील्ड में नहीं जा सकते। हर साल करोड़ों की पेमेंट की जाती है।-मुकेश शर्मा, एसडीएम ठियोग
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