शिमला, सुरेन्द्र राणा: किसान आंदोलन के चलते सोमवार को पंजाब में चक्का जाम का हिमाचल में भी असर दिखा।

एचआरटीसी ने पंजाब के रूटों पर बस सेवा बंद रखी। दिल्ली के लिए बसें हरियाणा के शाहाबाद होते भेजी गईं। वहीं बीबीएन से सामान लेकर जाने वाले 400 से 500 ट्रक पूरा दिन बद्दी में खड़े रहे। इन ट्रकों की एक दिन पहले ही उद्योगों से डिमांड आ गई थी। रविवार रात को सामान भी लोड करवा दिया था, मगर सोमवार को ट्रक जा नहीं पाए। वहीं बाहरी राज्यों को माल लेकर गए ट्रक भी वापस नहीं लौट पाए। इससे उद्योगपितयों और ट्रक ऑपरेटरों को नुकसान झेलना पड़ा। हालांकि कई ट्रक ऑपरेटर सोमवार रात को माल लेकर रवाना हो गए।

दिल्ली के लिए सामान्य और वोल्वो बसें हरियाणा के शाहबाद होते चलाई गईं। उधर, नए साल का जश्न मनाने हिमाचल आ रहे पर्यटक भी पंजाब में फंस गए। किसान आंदोलन के चलते एचआरटीसी ने परवाणू, ऊना और पठानकोट के क्षेत्रीय प्रबंधकों को अलर्ट पर रखा था। सोमवार सुबह जैसे ही पंजाब में किसान सड़कों पर उतरे तो निगम ने मंडलीय प्रबंधकों को पंजाब के रूटों पर बसों की आवाजाही पूरी तरह बंद रखने के निर्देश जारी किए। जो बसें पंजाब से हिमाचल आनी थीं, उन्हें भी रोक दिया गया। दिल्ली के लिए सामान्य और वोल्वो बसें हरियाणा के शाहबाद होते चलाई गईं। पंजाब होते हुए पठानकोट और ऊना के रूटों की बसें न चलने से यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। हालांकि शाम के समय यातायात बहाल होने के बाद बसें सामान्य तरीके से संचालित हुई।

एचआरटीसी के प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर ने बताया कि पंजाब में किसान आंदोलन के चलते दिन के समय बस सेवाएं प्रभावित रहीं। हालांकि, रात्रि सेवाएं सामान्य तरीके से संचालित हुईं। प्रदेश के विभिन्न जिलों से ऊना होकर चंडीगढ़ और दिल्ली के लिए नियमित रूप से चलने वाले 57 रूटों पर एचआरटीसी की बसों का संचालन नहीं हो पाया।

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