चंडीगढ़, सुरेन्द्र राणा; पंजाब सरकार से परेशान 180 ईटीटी शिक्षक अपने साथ हो रहे अन्याय के विरुद्ध दिल्ली में आम आदमी पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल के पास पहुंचे। सोमवार को पंजाब के विभिन्न जिलों से रेगुलर 180 ई.टी. टी शिक्षकों ने न्याय पाने के लिए अरविंद केजरीवाल का दरवाजा खटखटाया ।
प्रदेश अध्यक्ष कमल ठाकुर ने बताया कि कैसे पंजाब में एक ही भर्ती 4500 शिक्षकों में से केवल 180 अध्यापकों के साथ अन्याय किया जा रहा है, बिना किसी कारण उनका वेतन आधा कर दिया और पांच साल की रेगुलर नोकरी को खत्म करके जबरदस्ती केंन्द्र का 7th वेतनमान लागू कर दिया। इस मानसिक पीड़ा को न सहते हुए ही हमारे 4 साथियों की मृत्यु हो चुकी है।
उन्होंने कहा कि पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने भी 180 ई.टी.टी अध्यापकों के पक्ष में अपना नोट भी तैयार करके वित्त विभाग को भेज दिया है। उन्होंने कहा है कि एक ही भर्ती पर दो वेतनमान थोपना पूरी तरह से अवैध और असंवैधानिक है।
पंजाब के शिक्षा सचिव द्वारा 180 ई.टी.टी शिक्षकों के पक्ष में एक विस्तृत रिपोर्ट भी तैयार की गई थी, जिसमें विभागीय गलतियों को उजागर किया गया था और रिपोर्ट में लिखा गया है कि ये 180 ई.टी.टी शिक्षक जो शिक्षा विभाग के रेगुलर शिक्षक हैं और 2016 से लगातार शिक्षा विभाग में अपनी सेवाएँ दे रहे हैं, इनका कोई भी कसूर नही है, इसलिए इन पर 17-07-2020 का पत्र रद्द करते हुए पंजाब के पुराने वेतनमान के अनुसार ही वेतन दिया जाना चाहिए और इसके साथ ही आदेश जारी किये जाए कि गलती करने वाले उच्च शिक्षा अधिकारियों के खिलाफ करवाई की जाए ।
लेकिन आज पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा जो सरकार बनने से पहले मीडिया के सामने हमारी मांगों को जायज मानते थे, आज सरकार बनने के पश्चात माँगो को पूरी करने की बजाय टाल मटोल कर रहे है। वह अपनी ही सरकार के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस और शिक्षा सचिव की रिपोर्ट नही मान रहे जिसमे उन्होंने कहा है कि 180 ई.टी.टी अध्यापकों की कोई गलती नही है, सारी गलती शिक्षा विभाग के अधिकारियों की है।
उन्होंने कहा कि अगर पंजाब सरकार ने हमारी जायज मांगो का हल नही किया तो आने वाले दिनों में राजधानी दिल्ली मे व्यापक स्तर पर प्रदर्शन करेंगे।