मुंबई: 22 जुलाई 1970 को देवेंद्र फडणवीस का जन्म नागपुर के मराठी ब्राह्मण परिवार में हुआ था। पिता गंगाधर राव RSS प्रचारक और BJP नेता थे। वह कुछ समय के लिए महाराष्ट्र विधान परिषद के सदस्य भी रहे।

कैबिनेट मंत्री नितिन गडकरी गंगाधर राव को अपना ‘राजनीतिक गुरु’ मानते हैं। देवेंद्र फडणवीस ने एक इंटरव्यू में कहा कि 1975 में जब देशभर में इमरजेंसी लगी तो उनके पिता गंगाधर राव को भी गिरफ्तार कर लिया गया। इससे देवेंद्र को इंदिरा गांधी से नफरत हो गई।

सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालय से शुरुआती पढ़ाई करने के बाद देवेंद्र ने धर्मपीठ जूनियर कॉलेज से 12वीं की। 1992 में उन्होंने लॉ की डिग्री ली, लेकिन वकील नहीं बने। इसके बाद जर्मनी के बर्लिन शहर स्थित जर्मन फाउंडेशन फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट से उन्होंने बिजनेस मैनेजमेंट में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की।

पिता की वजह से स्कूल के दिनों से ही देवेंद्र का रुझान राजनीति में होने लगा था। 1987 में देवेंद्र फडणवीस जब 17 साल के थे, तभी उनके पिता का निधन हो गया। 1989 में जब वो कॉलेज में पढ़ाई कर रहे थे, तब वो RSS की स्टूडेंट विंग अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद यानी ABVP में शामिल हुए।

पिता के निधन के बाद देवेंद्र के बड़े भाई आशीष फडणवीस ने अपना राजनीतिक करियर छोड़ दिया। उन्होंने घर-परिवार की जिम्मेदारी संभाली और छोटे भाई को राजनीति में आगे बढ़ाया। नागपुर में RSS की शाखाओं में जाने वाले देवेंद्र जल्द ही प्रचारक बन गए। देवेंद्र को राजनीतिक विरासत अपने पिता से मिली थी। इसलिए बड़े नेताओं से पहचान और अच्छे संबंधों की वजह से आगे बढ़ने में उन्हें ज्यादा दिक्कत नहीं हुई।

1992 में नागपुर नगर पालिका से वो कॉर्पोरेटर चुने गए। इसके बाद 1997 में 27 साल की उम्र में नागपुर नगर निगम के रामनगर वार्ड से नगरपालिका चुनाव में जीतकर वो इतिहास के सबसे युवा मेयर बने।

मेयर बनने के दो साल बाद ही 1999 में नागपुर वेस्ट सीट से चुनाव जीतकर देवेंद्र फडणवीस पहली बार विधानसभा पहुंचे। 2004 में दोबारा इसी सीट से विधायक बने। 2009 से 2019 तक लगातार 3 बार नागपुर साउथ वेस्ट से विधायक बने।

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