शिमला, सुरेन्द्र राणा: भाजपा प्रदेश प्रभाती श्रीकांत शर्मा ने संगठन पर्व की बैठक को संबोधित करते हुए कहा भाजपा 2047 विकसित भारत के लक्ष्य के कार्य कर रही है, यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लक्ष्य है और हम प्रधान से लेकर प्रधानमंत्री तक सभी पदों पर विजय होंगे।

उन्होंने कहा की विपक्षी दलों को केवल एक ही चिंता है भाजपा को रोकने की, उन सभी को देश की चिंता नहीं हैं। पीएम मोदी को गाली देते देते विपक्षी दल देश की छवि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बिगाड़ रहे है।

जब 2017 में चुनाव आयोग ने ईवीएम एक हैकाथॉन करवाया और कहा था कि कोई भी राजनीतिक पार्टी ईवीएम को हैक करके दिखाए। मगर उस हैकाथॉन में किसी भी पार्टी ने हिस्सा नहीं लिया।

शायद हैकाथॉन के दिन कांग्रेस नेता राहुल गांधी विदेश दौरे पर चले गए होंगे। बड़े आश्चर्य का विषय है कि इतनी बड़ी राष्ट्रीय पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे कहते हैं कि ईवीएम को फेंकना पड़ेगा और बैलेट पेपर को वापस लाना पड़ेगा। मगर जब चुनाव आयोग ने हैकाथॉन आयोजित किया, तो उसमें कांग्रेस की ओर से किसी ने हिस्सा नहीं लिया था। कहा कि अमेरिकी उद्योगपति और टेस्ला के मालिक एलन मस्क ने भी भारत के लोकतंत्र और चुनाव आयोग की तारीफ की है। 2024 के लोकसभा चुनाव सम्पन्न होने के उपरांत एक आर्टिकल छपा था जिसके अंदर बताया गया था कि भारत ने एक ही दिन में 64 करोड़ वोटों की गिनती पूरी कर ली, जबकि अमेरिका के एक राज्य में मतगणना अब तक जारी है। मस्क ने इसे द्वीट कर भारत की चुनाव व्यवस्था को सराहा और इसे अमेरिका के लिए एक मिसाल बताया। वर्ष 2004 और 2009 के लोकसभा चुनाव कांग्रेस ने ईवीएम के माध्यम से ही जीते थे, और तब ईवीएम पर सवाल नहीं उठाए गए। यहां तक कि 2024 के चुनाव में कांग्रेस ने डबल लार्जेस्ट डिजिट 99 सीटें जीतीं और इसे अपनी बड़ी सफलता बताया था और इतराते नहीं थकते थे। जब कांग्रेस और उनके सहयोगी दल चुनाव जीतते हैं, तो ईवीएम सही होती है, लेकिन हारते ही ईवीएम पर सवाल उठाए जाते हैं।

कांग्रेस पार्टी द्वारा ईवीएम पर लगाए जा रहे आरोपों का मतलब यह है कि झारखंड के अंदर जेएमएम ने जो चुनाव जीता है, वह जीत गड़बड़ी और घोटाले के जरिए जीता है। अगर ईवीएम में खामी थी, तो जेएमएम कैसे जीत सकती थी? अपने ही सहयोगी दल की जीत पर सवाल उठाना, गठबंधन धर्म की नीति नहीं है। श्रीकांत ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी लगातार यह कहती रही है कि ईवीएम में कोई गड़बड़ी नहीं है, बल्कि गड़बड़ी व्यक्ति और नेता में है। जब तक राहुल गांधी राजनीति में रहेंगे, तबतक आरोप-प्रत्यारोप जारी रहेगा।

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