धर्मशाला, अभयq: हिमाचल प्रदेश में क्रिप्टो करंसी ठगी मामले में अब तक मुख्य आरोपियों की 47 करोड़ की प्रॉपर्टी सीज कर ली गई है। हालंाकि अब तक पुलिस विभाग एसआईटी के हाथ मुख्य आरोपी विजय जुनेजा नहीं लगा है, जबकि ठगी की 2500 करोड़ रुपए की राशि भी हाथ नहीं आ पाई है। इसमें आरोपियों की ओर से हिमाचल के विभिन्न जिलों, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ सहित अन्य राज्यों सहित दुबई तक में विभिन्न इन्वेस्टमेंट व संपत्तियां जोडऩे का खेल रचा है। इसमें हिमाचल के तीन मुख्य आरोपियों की हिमाचल-पंजाब, हरियाणा व चंडीगढ़ में खरीदी गई संपत्तियों में 47 करोड़ की संपत्ति सीज की गई है।

एसआईटी को सूचना मिल रही है कि उक्त आरोपियों ने दुबई में भी संपत्तियां खरीदी है, तो उस संदर्भ में भी जांच को अब आगे बढ़ाया जा रहा है। हिमाचल प्रदेश में करीब दो वर्ष से क्रिप्टो करंसी ठगी का मामला चल रहा है।

इस ठगी मामले में सबसे पहली एफआईआर जिला कांगड़ा के पालमपुर में दर्ज किया था, जिसमें जांच को लेकर स्पेशल इन्वेस्टेगेशन टीम का भी गठन किया गया है, जो कि हर पहलू की जांच पड़ताल कर रही है। अब तक उक्त क्रिप्टो ठगी मामले के तहत 76 लोगों की गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। मामले में लंबे समय तक फरार रहकर दुबई में भगौड़े मुख्य आरोपी बताए जा रहे सुभाष शर्मा को भी एसआईटी ने गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि अब तक किगंपिन माने जा रहे सुभाष शर्मा ने अपने से ऊपर मास्टर माइंड विजय कुमार जुनेजा को बताया है। इस आधार पर अब एसआईटी की ओर से लगातार जुनेजा को गिरफ्तार किए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन न्यायालय से अनुमति नहीं मिल पाई थी।

अब एक बार फिर से टीम की ओर से जुनेजा को गिरफ्तार किए जाने की प्रक्रिया तेज कर दी है। ठगी से जुड़े सभी आरोपियों के पासपोर्ट भी सीज किए हैं। हिमाचल के विभिन्न जिलों के अलावा पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली सहित अब दुबई की बात भी सामने आ रही है।

पुलिस की एसआईटी टीम कर रही जांच

एसपी कांगड़ा आईपीएस शालिनी अग्रिहोत्री ने बताया कि क्रिप्टो ठगी मामले में आरोपियों की कुल 47 करोड़ की संपति फ्रीज व सीज कर अटैच की गई है। मामले में सभी पहलूओं को लेकर लगातार एसआईटी की ओर से जांच की जा रही है।

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