सरकार और सीपीएस बचाना ही रह गई मुख्यमंत्री सुक्खू की प्राथमिकता : जयराम ठाकुर

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मंडी, सुरेन्द्र राणा : हिमाचल प्रदेश सिर्फ सत्ता पक्ष का नहीं है, ये हमारा है, हम सबका है। आर्थिक हालात को लेकर जैसी चिंता सरकार को है वैसी हम सबको भी है। प्रदेश में आज यह हालत हो गई है कि सरकार की प्राथमिकता ही मात्र सरकार और सीपीएस को बचाने की रह गई है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खु केवल अपनी कुर्सी बचाने में लगे हैं जबकि प्रदेश में विकास ठप्प पड़ा हुआ है। विधानसभा के चुनावों में दी गई गारंटियों को समय पर पूरा करना कांग्रेस आज भूल गई है। पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने मंडी में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में आरोप लगाते हुए कहा कि जिस प्रकार के फैसले आर्थिक सुधारों की बात कह कर लिए जा रहे हैं उसमें कहीं न कहीं कोई साजिश दिखाई दे रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी सरकार चलाने की स्थिति में नहीं है। कोरोना के दौर में भी भाजपा ने किसी सरकारी विभागों की संपत्ति को अटैच नहीं किया और न ही निजी क्षेत्र में सौंपा जबकि कांग्रेस ने कोर्ट के आदेशों पर प्रदेश हित में अपील तक नहीं की। वहीं दूसरी ओर अपने चहेते सीपीएस की कुर्सियां बचाने के लिए दिल्ली तक वकीलों की फौज खड़ी कर सरकारी पैसों की बर्बादी की जा रही है। दिल्ली से शिमला तक वकील स्टेट गेस्ट बनाकर लाये जा रहे हैं लेकिन बाबजूद सरकार आज अपने सीपीएस नहीं बचा सकी। हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी इन्हें हटाने पर अब मोहर लगा दी है जबकि हम पहले दिन से कह रहे थे कि ये नियुक्तियां गैरसंवैधानिक है। बाबजूद इसके सरकार इनको बचाने में ही लगी हुई है जिससे राज्य के पैसों की बर्बादी हो रही है।

जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया कि आज हिमाचल जिस स्थिति में पहुंच गया है उसके लिए वर्तमान में नेतृत्व की परिपक्वता में कमी कारण रहा है क्योंकि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार में आनन फानन में फैसले लिए जा रहे हैं जिससे आर्थिक संकट तो पनप ही रहा है लेकिन कांग्रेस पार्टी में अंदर की लड़ाई बढ़ रही है। अब राजनीतिक हालात ऐसे बन रहे हैं कि सरकार गिरेगी तो उसका कारण राजनीतिक ही होगा। जयराम ठाकुर ने कहा कि जिस तरह से कोर्ट ने हालही में अपने फैसले सुनाए हैं इससे यह लगता है कि कांग्रेस सरकार चलाने में असमर्थ है और कोर्ट को ही प्रदेश हित में फैसले लेने पड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने झूठ बोलने की सारी सीमाएं लांघते हुए दुसरे राज्यों में हो रहे चुनावों में भी हिमाचल प्रदेश में दस गारंटीयां पूरी करनी की बातें कहीं हैं जो शर्मसार करने वाली हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कांग्रेस पार्टी की तरफ से लगाए गए उन आरोपों का भी खंडन किया है जिसमें कहा गया है कि जयराम ठाकुर की सरकार में भी पर्यटन निगम के होटलों को निजी हाथों में सौंपा गया था और प्रदेश सरकार इसकी जांच करवाएगी। जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार खुले मन से जांच करवाए, वे हर तरह की जांच के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। हमने जो होटल जंजैहली, सोलन और मनाली में नए बनाये उसके लिए बजट भी ए.डी.बी. बैंक से मिला था इसकी शर्त ही ये थी कि इसको प्राइवेट सेक्टर में ही चलाया जाए ताकि मुनाफा हो और पर्यटन को भी नए क्षेत्रों में पंख लगे।

उन्होंने कहा कि बतौर मुख्यमंत्री उनके कार्यकाल में ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है। जयराम ठाकुर ने कहा कि कोर्ट के आदेशों से पहले ही प्रदेश सरकार होटलों को बेचने की साजिश रच चुकी थी और कुछ लोगों को हामी भी भर दी थी। यह बहुत बड़ा षडयंत्र है और हिमाचल को बेचने की साजिश रची जा रही है। प्रदेश के लोगों को इस बात को समझना होगा। उन्होंने कहा कि सरकार के भ्रष्टाचार की परतें अब खुल रही हैं और वो पूरी तरह से बेनकाब हो चुकी है, इसलिए अब इस तरह के आरोप विपक्ष पर लगाए जा रहे हैं।

जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार प्रदेश को नीलाम करने पर तुली हुई है। जिस तरह से हिमाचल सदन को अटैच किया गया वो दुर्भाग्यपूर्ण है। आज हैरानी तो इस बात को लेकर है कि जो टूरिज्म के प्रॉफिट वाले होटल हैं उन्हें भी घाटे में दर्शा कर नीलाम किया जा रहा है। शिमला, मनाली और धर्मशाला में टूरिज्म के ऐसे होटल हैं जो फायदे में चल रहे हैं और उन्हीं के दम पर दूसरे होटलों के खर्चे भी निकलते हैं लेकिन आज उन्हें भी घाटे का बताया जा रहा है। प्रदेश सरकार ने ऐसा क्यों किया, यह सच्चाई लोगों के सामने आनी चाहिए। इस मौके पर उनके साथ सदर विधायक अनिल शर्मा, बल्ह के विधायक इंद्र सिंह गांधी, नगर निगम मंडी के मेयर विरेंद्र भट्ट, जिला भाजपा अध्यक्ष निहाल चंद, प्रदेश उपाध्यक्ष पायल वैद्य सहित अन्य भी मौजूद रहे।

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