वंचित वर्गों के बच्चों को दाखिले नहीं देने वाले निजी स्कूल नपेंगे, 25 फीसदी आरक्षण अनिवार्य
शिमला सुरेन्द्र राणा, शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम 2009 के तहत सामाजिक और आर्थिक रूप से वंचित वर्गों के बच्चों के लिए निजी स्कूलों में अनिवार्य किए गए 25 प्रतिशत आरक्षण का पालन नहीं करने वाले स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई होगी। सरकार ने दाखिलों में 25 फीसदी आरक्षण देना अनिवार्य किया गया है। शिक्षा विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि इसका उद्देश्य शिक्षा में समावेशिता और समानता को बढ़ावा देना है। वंचित वर्गों और विशेष समूहों के बच्चे इन आरक्षित सीटों के लिए पात्र होंगे। स्कूल किसी भी बच्चे को प्रवेश देने से इन्कार नहीं कर सकते हैं और अधिक आवेदन वाले स्कूलों में प्रवेश ड्राॅ के माध्यम से तय किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि स्कूलों को ट्यूशन फीस या सरकारी स्कूलों में प्रति छात्र व्यय के लिए प्रतिपूर्ति की जाती है, जो भी कम हो, उसका भुगतान सरकार द्वारा किया जाता है।
वंचित वर्गों के बच्चों को निजी स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त हो सके, इसके लिए सरकार निरंतर प्रयास कर रही है। प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए निजी स्कूलों को शिक्षा के अधिकार अधिनियम का पालन करना होगा और 25 प्रतिशत सीटें पात्र बच्चों के लिए आरक्षित कर पारदर्शी प्रवेश प्रक्रिया अपनानी होगी। 25 प्रतिशत से अधिक विद्यार्थियों द्वारा आवेदन करने की स्थिति में लॉटरी आधारित प्रवेश प्रक्रिया अपनानी होगी। प्रवक्ता ने बताया कि अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए संबधित जिला प्रारंभिक शिक्षा कार्यालय और निदेशक प्रारंभिक शिक्षा के दूरभाष नंबर 0177-2658044, 2812464 अथवा ई मेल eleedu-hp@gov.in पर संपर्क किया जा सकता है।
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