पंजाब, सुरेन्द्र राणा: पंजाब में खरीफ सीजन के दौरान पराली जलाने के मामले कम नहीं हो रहे हैं। रविवार को पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से सैटलाइट के जरिए डाटा के अनुसार प्रदेश में कुल 52 जगहों पर पराली जली है। प्रदेश की हवा पर भी इसका असर दिखना शुरू हो गई है और रविवार को मंडी गोबिंदगढ़ की हवा पुअर श्रेणी में पहुंच गई, जहां एक्यूआई 230 दर्ज किया गया।
वहीं किसानों का कहना है कि हम मजबूर हैं। बठिंडा के किसान राम सिंह ने कहा कि सरकार को कोई स्थायी समाधान निकालना चाहिए ताकि पराली जलाने की घटनाओं में कमी आ सके। पराली जलाना हमारी मजबूरी है। सरकार कोई समाधान नहीं दे रही है, बल्कि किसानों पर ही केस दर्ज किए जा रहे हैं… प्रदूषण के लिए हमेशा किसानों को ही जिम्मेदार ठहराते हैं। क्या दिल्ली और पंजाब में फैक्ट्रियां और उद्योग नहीं हैं? क्या वे प्रदूषण में योगदान नहीं दे रहे हैं?
अमृतसर और तरनतारन के बाद अब पटियाला और फिरोजपुर में भी पराली जलाने के मामलों ने रफ्तार पकड़नी शुरू कर दी है। पटियाला में पराली जलाने के सबसे अधिक 11 मामले सामने आए हैं। इसके बाद 10 मामले तरनतारन और फिरोजपुर में 9 मामले सामने आए हैं। 7 मामले फतेहगढ़ साहिब और अमृतसर में 4 मामले देखे गए। अमृतसर का एक्यूआई रविवार को 160, जालंधर 143, खन्ना 138, लुधियाना 119, पटियाला 115 और रुपनगर का एक्यूआई 134 दर्ज किया गया है।
+ There are no comments
Add yours