पंचकूला, हरियाणा विजिलेंस ब्यूरो के एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने पंचकूला ट्रैफिक पुलिस में एक बड़े भ्रष्टाचार के मामले का पर्दाफाश किया है, जिसमें पुलिस ने चालान काटने के बाद ऑनलाइन जुर्माना हरियाणा पुलिस के खाते में नहीं, बल्कि एक हलवाई की दुकान के खाते में जा रहा था।
इस घोटाले में पंचकूला ट्रैफिक पुलिस के ईएसआई ओम प्रकाश, होमगार्ड जवान सचिन और एसपीओ सुरेंद्र सिंह पर मामला दर्ज किया गया है। इस मामले की जांच एंटी करप्शन ब्यूरो कर रही है।एडिशनल डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी (एडीए) रोहित सिंगला ने अगस्त 2023 में विजिलेंस ब्यूरो में शिकायत दी थी। उन्होंने बताया कि जब वह अपनी कार से पंचकूला-यमुनानगर हाईवे से गुजर रहे थे, तो जलौली टोल प्लाजा के पास ट्रैफिक पुलिस ने उन्हें स्पीडिंग के आरोप में रोका और चालान भरने के लिए 1000 रुपए का भुगतान ऑनलाइन स्कैनर के माध्यम से करवाया।
बाद में, बैंक स्टेटमेंट देखने पर उन्हें पता चला कि वह राशि हरियाणा पुलिस के खाते में नहीं, बल्कि एक मिठाई की दुकान के खाते में जमा हुई है। जांच में यह चौंकाने वाली बात सामने आई कि जिस दिन ट्रैफिक पुलिस ने नाका लगाया था, उस दिन पुलिस थाने से ऐसा कोई आधिकारिक आदेश जारी नहीं किया गया था। नाका सिर्फ रिश्वत लेने और जनता से अवैध तरीके से पैसे वसूलने के लिए लगाया गया था।
घोटाला का एक पूरा जाल फैला विजिलेंस ब्यूरो ने जांच में पाया कि यह घोटाला व्यापक रूप से फैला हुआ है, जिसमें पंचकूला के विभिन्न स्थानों पर अवैध रूप से नाके लगाए गए थे। लोगों के किए गए चालान की राशि हरियाणा पुलिस के बजाय अन्य निजी खातों में जाती थी, और इसे अधिकारियों तक भी बांटा जाता था। जांच में यह भी खुलासा हुआ कि ट्रैफिक पुलिस ने इस घोटाले को छुपाने के लिए दुकानदारों के खाते का इस्तेमाल किया, ताकि किसी को शक न हो।
ईएसआई ओम प्रकाश, होमगार्ड सचिन और एसपीओ सुरेंद्र सिंह पर धारा 409, 420, 120-बी और 13(1)(ए) पीसी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। जांच का दायरा अब और भी बढ़ाया जा रहा है, और कई अन्य अधिकारियों पर भी नजर रखी जा रही है, जो इस घोटाले में शामिल हो सकते हैं।
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